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CM योगी ने काशी और मथुरा के लिए सेट किया एजेंडा; कहा- समाजवाद नहीं, रामराज्य को ही स्वीकार करेगा देश

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में बुधवार को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के तहत अयोध्या के साथ-साथ काशी व मथुरा का भी एजेंडा सेट कर दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह भगवान श्रीकृष्ण ने दुर्योधन से पाण्डवों के लिए पांच गांव मांगे थे, उसी तरह हमने (बहुसंख्यक समाज) यहां सिर्फ तीन स्थानों (अयोध्या, मथुरा, काशी) की बात की थी। ये तीनों ईश्वर के अवतरण की धरती हैं, लेकिन एक जिद थी और उसमें राजनीतिक तड़के और वोट बैंक की प्रवृत्ति ने विवाद खड़ा कर दिया।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि तब भी दुर्योधन ने कहा था कि सुई की नोक के बराबर जगह नहीं दूंगा तो महाभारत होना ही था। यहां भी वोट बैंक के लिए हमारी संस्कृति और आस्था को रौंदने वाले आक्रांताओं का महिमामंडन किया गया, जिसे अब देश स्वीकार नहीं करेगा।

सीएम योगी ने विपक्ष पर बोला करारा हमला
राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में मुख्यमंत्री ने 110 मिनट के उद्बोधन में विपक्ष पर करारा प्रहार करने के साथ ही रामराज्य की अवधारणा व अपने सरकार की उपलब्धियां गिनाईं।

मुख्यमंत्री ने अयोध्या और महाभारत के बीच समानता का जिक्र करते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने अयोध्या नगरी को प्रतिबंधों और कर्फ्यू के दायरे में रखा। अयोध्या सुनियोजित तिरस्कार झेलती रही। लोक आस्था के साथ ऐसा खिलवाड़ कभी देखने को नहीं मिला। अयोध्या के साथ अन्याय हुआ। पांच हजार वर्ष पुरानी बात को याद करें तो कृष्ण ने केवल पांच ग्राम मांगे थे।

उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर की कविता सुनाई...तो दे दो केवल पांच ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम। दुर्योधन ने श्रीकृष्ण को बंधक बनाने की कोशिश की। ...उलटे हरि को बांधने चला जो था असाध्य उसे साधने चला... यही तो हुआ था अयोध्या, मथुरा और काशी के साथ। ये तीनों विशिष्ट स्थल हैं।

पहली बार देखने को मिला कि लोक आस्था के लिए भी बहुसंख्यक समाज को गिड़गिड़ाना पड़ा, लेकिन अब जब लोगों ने अयोध्या का उत्सव देखा तो नंदी बाबा (काशी) ने कहा कि हम क्यों इंतजार करें। उन्होंने रात में बैरिकेडिंग तुड़वा डाले। अब हमारे कृष्ण कन्हैया कहां मानने वाले हैं। विदेशी आक्रांताओं ने केवल धन दौलत ही नहीं लूटा, इस देश की आस्था को रौंदने का काम किया। आजादी के बाद विपक्षी दलों ने उन्हें केवल वोट बैंक के लिए महिमामंडित करने का कुत्सित प्रयास किया। अब ये देश इसे स्वीकार नहीं करेगा।

उन्होंने अयोध्या में श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा को अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय क्षण बताया तो राम मंदिर के विरोध के लिए विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव पर प्रहार भी किया। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को पूरी दुनिया के लिए अद्भुत क्षण था। भारत के गौरव की प्राण प्रतिष्ठा का कार्य संपन्न हुआ।

प्रसन्नता है कि हमने वचन निभाया और मंदिर वहीं बनाया...जो कहा सो किया, जो संकल्प लिया उसकी सिद्धि भी हुई। अयोध्या का जिक्र करते हुए कहा कि यह दुनिया में पहली घटना थी जहां प्रभु को अपने के अस्तित्व के लिए स्वयं प्रमाण जुटाने पड़े थे। राम की मर्यादा हमें धैर्य की प्रेरणा देती है। आज नव्य, भव्य और दिव्य अयोध्या को देख हर कोई अभिभूत है।

समाजवाद नहीं, रामराज्य को ही स्वीकार करेगा देश
योगी ने कहा कि यह देश रामराज्य की अवधारणा को स्वीकार करेगा, समाजवाद को नहीं...। आज समाजवाद केवल मृगतृष्णा बन चुका है। उन्होंने समाजवाद की आधुनिक तस्वीर दिखाते हुए कहा कि आज का समाजवाद बहरूपिये की तरह हो गया है, कभी यह प्रजातांत्रिक, कभी लोकतांत्रिक तो कभी चच्चू (शिवपाल यादव) का प्रगतिशील समाजवाद हो जाता है। पारिवारिक व आर्थिक समाजवाद भी सभी ने देखा है। रामराज्य की अवधारणा को विस्तार देते हुए कहा कि बगैर भेदभाव के सभी लोगों को योजनाओं का लाभ देना ही रामराज्य है।

काशी व मथुरा का विकास क्यों किया गया अवरुद्ध
योगी ने पूर्व की सरकारों को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि ये काम पहले ही हो जाना चाहिए था। हम मानते हैं कि मंदिर का विवाद न्यायालय में था, लेकिन वहां की सड़कों को चौड़ा किया जा सकता था। घाटों का पुनरुद्धार हो सकता था। बिजली की व्यवस्था, स्वच्छता और स्वास्थ्य की व्यवस्था की जा सकती थी। एयरपोर्ट का कार्य किया जा सकता था। विकास के इन कार्यों को किस मंशा के साथ रोका गया था।
काशी, मथुरा का विकास अवरुद्ध करने के पीछे कौन सी मंशा थी। विवाद एक स्थल विशेष का था, मगर वहां के लोगों को वहां आने वालों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित क्यों किया गया। ये मुद्दा नीयत का है। हमारी आस्था थी, नीति भी साफ थी और नीयत भी स्पष्ट थी। हम बिना रुके, बिना डिगे, बिना झुके अयोध्या भी गए, काशी गए तो नोएडा और बिजनौर भी गए। हम अयोध्या इसलिए जाएंगे कि हमारी आस्था का प्रश्न है। अयोध्या का भव्य दीपोत्सव हमारी सरकार का सौभाग्य है।
रामायण या महाभारत से सीखते तो न करते चच्चू का अपमान
मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष अखिलेश पर प्रहार करते हुए कहा कि इनका पीडीए परिवार डेवलपमेंट अथारिटी है। इसमें और कोई है या नहीं, मगर चच्चू (शिवपाल यादव) नहीं है। हाल ही में टिकट घोषित किए जिसमें परिवार के तीन सदस्यों के नाम थे, चच्चू का नाम क्यों नहीं था। अगर प्रभु राम को मानते, रामायण या महाभारत से सीखते तो चच्चू का अपमान नहीं करते।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में माता शबरी के नाम पर रसोईघर शुरू हो चुका है। माता शबरी के अनुयायी पीडीए (पिछड़ा, दलिल, अल्पसंख्यक) का हिस्सा हैं या नहीं। निषादराज के नाम पर रैनबसेरे शुरू हुए हैं, निषादराज के अनुयायी पीडीए का हिस्सा हैं या नहीं।

नेता प्रतिपक्ष भटकाते रहे ध्यान
योगी ने कहा कि मुझे आश्चर्य हुआ कि नेता प्रतिपक्ष विधानसभा में अब बोलेंगे तब बोलेंगे और इस सदी की सबसे बड़ी घटना (राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा) की ओर भी ध्यान दिलाएंगे, लेकिन वो ध्यान भटकाते रहे। अब तक की उनकी परिपाटी रही है कि तथ्यों और तर्कों से नहीं अपनी जबरन बातों को थोपने का प्रयास करते हैं। योगी ने समाजवादी पार्टी के रवैये पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि हमारे संसदीय कार्यमंत्री ने अयोध्या से संबंधित संकल्पों को सदन में रखा था, उसका भी कुछ सदस्यों ने विरोध किया। पूरा देश जब आह्लादित है तब सदस्यों का ये भाव जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ है। पूरी दुनिया अयोध्या आना चाहती है।
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण की शुरुआत यहीं से की थी, मगर नेता प्रतिपक्ष को प्रदेश के गौरव की नहीं वोट बैंक की चिंता है। वोट बैंक के लिए हम किस स्तर पर जाकर लोक आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं। राज्यपाल के शब्दों का समर्थन नहीं कर पाए।

अयोध्या में परिक्रमा पर कोई नहीं लगा सकता है प्रतिबंध
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक दौर था, जब अयोध्या की गलियों में गोलियों की तड़तड़ाहट थी, परिक्रमाएं प्रतिबंधित थीं। रामनामी गमछा ओढ़ने वालों को गिरफ्तार कर लिया जाता था। वर्ष 1990 से लेकर एक लंबी लड़ाई लड़ी गई। हम आश्वस्त कर सकते हैं कि भव्य, नव्य और दिव्य अयोध्या हर भारतवासी को आकर्षित करेगी।
अयोध्या को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थल बनाने की कार्यवाही सरकार ने प्रारंभ कर दी गई है। अब अयोध्या में कोई परिक्रमा पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता। पंच कोसी, चौदह कोसी और 84 कोसी को भव्य स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। अब वहां कर्फ्यू नहीं लगा सकता। वहां मंगल भवन अमंगल हारी... का कीर्तन सुनाई दे रहा है।
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