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वैलेंटाइन डे पर पुलिस ने करोड़ों की ठगी करने वाले प्रेमी जोड़े को दबोचा

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर में, श्रम विभाग को दिए गए एक साइबर प्रेमी जोड़े ने करोड़ों रुपए की चोरी की चप्परफाड़ी की है। वैलेंटाइन डे के मौके पर, पुलिस ने प्रेमी जोड़े सहित छः आरोपियों को गिरफ्तार किया है। साइबर ठगों ने श्रम विभाग के पोर्टल से अपने साथीयों के साथ मिलकर 1.7 करोड़ रुपए की धनराशि को बोगस खातों में स्थानांतरित कर लिया था। अपर श्रमायुक्त कानपुर मंडल, कल्पना श्रीवास्तव, ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ से आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
उत्तर प्रदेश भूमि और श्रम सुरक्षा निगम (यूपीबीओसीडब्ल्यू) द्वारा चलाई जाने वाली कन्या विवाह सहायता योजना में फर्जी आवेदन किया गया था। आपत्तियों की आईडी और अधिकारियों के फर्जी डिजिटल हस्ताक्षर का इस्तेमाल करते हुए, साइबर ठगों ने 1.7 करोड़ रुपए की धनराशि को स्थानांतरित कर लिया था। जब इसकी जानकारी श्रमायुक्त कानपुर मंडल, कल्पना श्रीवास्तव, को मिली तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने तुरंत इसकी साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपियों के पास से डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, फर्जी कागजात बरामद किए हैं और ट्रांसफर की गई 1.7 करोड़ रुपए में से 64 लाख की रकम को फ्रीज कर दिया था।

प्रेमी जोड़े ने वारदात को अंजाम दिया

डीसीपी क्राइम, आशीष श्रीवास्तव, ने बताया कि इस पूरी घटना का मास्टरमाइंड उदित मिश्रा है। उदित पहले घाटमपुर सजेती में कॉल सेंटर चलाता था। इस गैंग में उदित की महिला मित्र नैंसी ठाकुर, मुनाजिर, अर्जान, यासीन ललित कश्यप, मस्तान और विनय दीक्षित शामिल थे। उदित की महिला मित्र, नैंसी ठाकुर, कम्प्यूटर साइंस से बीटेक हैं और उदित ने यूट्यूब और अन्य माध्यमों से साइबर सिक्योरिटी के ऑनलाइन कोर्स किए हैं। उदित ने श्रम विभाग की वेबसाइट की कई सुरक्षा खामियों को ढ़ूंढ़ने का काम किया था। उदित श्रम विभाग की वेबसाइट में आने वाली तकनीकी गड़बड़ियों को ठीक करने का काम करता था। एक श्रमिक की बेटी के विवाह का 55 हजार रुपए का अनुदान दिया जाता है। इसी तरह से, साइबर ठगों ने 1.7 करोड़ रुपए की धनराशि को स्थानांतरित कर लिया था।

डिजिटल हस्ताक्षर को कॉपी किया गया था

उन्होंने बताया कि श्रम विभाग कभी-कभी वेबसाइट की खामियों को दूर करने के लिए भी काम करता था। इसी वजह से उदित ने वेबसाइट की खामियों को ठीक से समझ लिया था। उसने अपने साथीयों की सहायता से बोगस अकाउंट्स बनाए थे। ये अकाउंट्स उनके थे, जो अपात्र थे। ट्रेजरी ऑफिसर के डिजिटल हस्ताक्षर को लेकर, पैसों को ट्रांसफर किया गया था। पुलिस ने नैंसी ठाकुर, उदित ठाकुर, अंकित मिश्रा, मोहम्मद यासीन, ललित कश्यप, और विनय दीक्षित को गिरफ्तार किया है। बाकी आरोपियों की तलाश जारी है।
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