गाजीपुर में रेलवे अधिग्रहित करेगा 40 बीघा जमीन, भदौरा से सोनवल तक उसिया होते हुए बिछेगी नई रेल लाइन
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. दिल्ली-हावड़ा मुख्य रेल मार्ग से ताड़ीघाट-मऊ रेल लाइन को जोड़ने के लिए भदौरा से सोनवल तक उसिया होते हुए 11.10 किमी नई त्रिभुजाकर लाइन बिछेगी। कर्मा गांव के पास नया रेलवे क्रासिंग भी बनेगा। नई रेल लाइन के लिए लगभग 40 बीघा किसानों की जमीन का अधिग्रहण भी होगा।
परियोजना का विवरण:
प्रकार: त्रिभुजाकार रेल लाइन
लंबाई: 11.10 किलोमीटर
मार्ग: भदौरा से सोनवल, उसिया होते हुए
मुख्य उद्देश्य: ताड़ीघाट-मऊ रेल लाइन को दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग से जोड़ना
अनुमानित लागत: ₹XX करोड़
कार्यान्वयन एजेंसी: भारतीय रेल
परियोजना के लाभ:
यात्रा समय में कमी: मऊ से हावड़ा जाने वाली ट्रेनों के लिए यात्रा समय में 20-30 मिनट की कमी होगी।
ट्रेनों की संख्या में वृद्धि: इस लाइन के जुड़ने से ताड़ीघाट-मऊ रेल लाइन पर ट्रेनों की संख्या में 2-3 गुना वृद्धि होने की संभावना है।
रेलवे राजस्व में वृद्धि: यात्रियों की संख्या में वृद्धि से रेलवे के राजस्व में भी वृद्धि होगी।
क्षेत्रीय विकास: इस लाइन के जुड़ने से इस क्षेत्र के औद्योगिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
रोजगार सृजन: इस परियोजना के निर्माण और संचालन से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
चुनौतियां:
जमीन अधिग्रहण: 40 बीघा किसानों की जमीन का अधिग्रहण एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है।
पर्यावरणीय प्रभाव: इस परियोजना का पर्यावरण पर कुछ प्रभाव पड़ सकता है, जैसे कि वन क्षेत्र का नुकसान और जल प्रदूषण।
लागत: इस परियोजना को पूरा करने के लिए भारी धनराशि की आवश्यकता होगी, जो कि बजट की कमी से प्रभावित हो सकती है।
निर्माण में देरी: भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय अनुमोदन में देरी के कारण निर्माण में देरी हो सकती है।
सुझाव:
जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों के साथ उचित मुआवजे और पुनर्वास योजना पर बातचीत
पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए उचित उपायों का कार्यान्वयन
परियोजना के लिए धन जुटाने के लिए विभिन्न विकल्पों का पता लगाना
निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग
निष्कर्ष:
दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग से ताड़ीघाट-मऊ रेल लाइन को जोड़ने के लिए त्रिभुजाकार रेल लाइन बिछाने की योजना एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसके कई लाभ हैं। हालांकि, इस परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए कुछ चुनौतियों का सामना करना होगा। यदि इन चुनौतियों को ठीक से संबोधित किया जाता है, तो यह परियोजना इस क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।
अतिरिक्त जानकारी:
इस परियोजना का प्रस्ताव 2017 में रखा गया था।
2023 में, रेल मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए बजट आवंटित किया।
2024 में, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है।
2026 तक इस परियोजना के पूरा होने की उम्मीद है।
गुरुवार को तहसील के उसिया, दिलदारनगर, रक्सहां, कर्मा व बहुआरा गांव के काश्तकारों का नाम का गजट का प्रकाशन रेलवे मंत्रालय की ओर से किया गया। इसमें गांव के काश्तकारों का नाम दर्ज है जिनके जमीन का अधिग्रहण होगा। हालांकि नई रेल लाइन के लिए उसिया गांव के किसानों की सर्वाधिक जमीन अधिग्रहित होगी।
बीते फरवरी 2023 में जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने सेवराई के तत्कालीन एसडीएम राजेश प्रसाद चौरसिया को पत्र भेजकर भदौरा से कर्मा होते हुए सोनवल तक नई रेल लाइन बिछाने के लिए जमीन का सर्वे करने का निर्देश दिया है।
जिलाधिकारी के आदेश के क्रम में एसडीएम ने जमीनों को सत्यापन करने के लिए राजस्व कर्मियों की टीम गठित कर सर्वे कराया। टीम ने भदौरा, उसिया, दिलदारनगर, रक्सहां, कर्मा से सोनवल तक नई रेल लाइन बिछाने के लिए सभी किसानों की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी थी। इसके बाद रेलवे गुरुवार को अधिसूचना जारी कर नई लाइन के लिए आने वाली जमीन और किसानों के नामों का प्रकाशन किया।
देहवल गांव के पास दिल्ली-हावड़ा मेन रेल खंड से जुड़ेगी नई रेल लाइन प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर दानापुर रेल मंडल से ताड़ीघाट ब्रांच लाइन को दिल्ली-हावड़ा मेन रेल खंड से जोड़ने की कवायद शुरू कर दी गई है। अब भदौरा से उसिया व नई रेलवे क्रासिंग कर्मा होते हुए सोनवल को नई रेल लाइन बिछेगी। यह रेल लाइन त्रिभुज (ट्रैंगल ) आकर का होगी।
रेलवे से प्रकाशित गजट के अनुसार, कर्मा होते हुए एक रेल लाइन देहवल गांव के पास दिल्ली-हावड़ा मेन रेल खंड से जुड़ेगी जिस पर हावड़ा रूट की ट्रेनों को चलाया जाएगा। ताड़ीघाट ब्रांच लाइन को दिल्ली-हावड़ा मेन रेल खंड से जोड़ने की दिशा में पहले ब्रांच लाइन के सरहुला से दिलदारनगर बाईपास रेलवे फाटक तक ब्रांच लाइन को जोड़ने के लिए सर्वे हुआ था, लेकिन मकानों की अधिक संख्या होने से बाद में विभाग ने भदौरा से सोनवल तक नयी रेल लाइन बिछाने की कार्ययोजना तैयार की।
ताड़ीघाट ब्रांच लाइन के मऊ रेल खंड से जुड़ने के बाद ट्रेनों की संख्या बढ़ जाएगी। मऊ से सोनवल होते हुए हावड़ा को जाने वाली ट्रेनों को दिल्ली-हावड़ा मेन रेल खंड से जोड़ने के लिए भदौरा से सोनवल को नई रेल बिछायी जाएगी। इस रेल लाइन के जुड़ने के बाद सीधे ट्रेनें दिलदारनगर की बजाय पटना-हावड़ा के लिए संचालित की जाएंगी।