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32 की गीता, तीसरा पति 58 का…उसकी भी मौत; पहले ने छोड़ा, दूसरे-तीसरे की मौत, जानें मामला

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, झांसी. झांसी में शनिवार को रेल कर्मचारी प्रमोद कुमार की मौत हो गई। 58 साल के प्रमोद ने 10 माह पहले ही 32 साल की गीता से लव मैरिज की थी। 26 साल छोटी गीता की यह तीसरी शादी थी। तीसरे पति की भी मौत हो गई। प्रमोद के बड़े भाई सुरेश कुमार ने अंतिम संस्कार की रस्म रुकवाकर पुलिस बुला ली और गीता पर हत्या का इल्जाम लगा दिया।
तीसरा पति खोने वाली गीता से बात करने दैनिक भास्कर उनके घर पहुंचा। गीता अपनी मां और दो बच्चों के साथ कमरे में बैठी थी। गीता का कहना है कि “पति के घरवाले मेरे ऊपर इल्जाम लगा रहे हैं। लेकिन इन इल्जामों से मैं क्यों डरू। जब मैंने कुछ किया ही नहीं है। उनकी बीमारी से मौत हुई है। मैं चाहती हूं कि पुलिस जांच करें, ताकि मेरे ऊपर कोई आरोप न लगा सके।”
पहले पति ने छोड़ा, दूसरे की हुई मौत
प्रमोद कुमार (58) रेलवे वर्कशॉप में टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत थे। वह प्रेम नगर थाना क्षेत्र में भूषण टॉकीज के पास रहते थे। उनकी पत्नी गीता ने बताया, "2009 मेरी पहली शादी खुशीपुरा में गोपी से हुई थी। शादी के 6 साल तक बच्चा नहीं हुआ। इसलिए पति और उसके परिवार ने मुझे छोड़ दिया।
इसके बाद 2018 में मेरी शादी मेरठ के ओमप्रकाश से हो गई। दूसरी शादी से 5 साल की बेटी और 3 साल का बेटा है। सब कुछ ठीक था, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के समय पति की मौत हो गई। तब मैं बच्चों को लेकर अपने मायके प्रेमनगर के खड़इया मोहल्ले में रहने लगी।"
ऐसे हुई प्रमोद से मुलाकात
गीता ने आगे बताया, "मेरी मां रेलवे वर्कशॉप में काम करने जाती थी। वहीं प्रमोद काम किया करता था। मेरी मां और प्रमोद के बीच जान पहचान थी। मेरी भी प्रमोद से दोस्ती हो गई। करीब 10 माह पहले हम दोनों ने मंदिर में शादी कर ली। मैं दोनों बच्चों के साथ प्रमोद के साथ किराए के मकान में रह रही थी। इस रिश्ते से मैं और प्रमोद बहुत खुश थे।"
"प्रमोद को किसी से कोई मतलब नहीं था। कहते थे कि मेरा कोई नहीं है। मुझे अपनों ने बहुत सताया है। अब शादी कर ली है। मैं इस नए परिवार में खुश हूं। मेरे पति में सब कुछ ठीक था, बस वे ज्यादा ड्रिंक करते थे। मना करती थी तो मानते नहीं थे। ऊपर से झगड़ा किया करते थे। इसी वजह से वह बीमार रहने लगे थे।"
ड्यूटी से ड्रिंक करके आए और फिर शराब पी
गीता ने बताया, "शुक्रवार (2 फरवरी) शाम को पति ड्यूटी से घर लौटे तो ड्रिंक किए थे। साथ में शराब का पव्वा लिए थे। थोड़ी देर बाद वह एक और बोतल लेकर आ गए और पी ली। फिर बोले कि घबराहट हो रही है। मुझे बचा लो। मैंने कहा कि एम्बुलेंस बुला रही हूं तो हॉस्पिटल चलेंगे। तब हॉस्पिटल जाने से मना कर दिया। इसके बाद रात 2 बजे देखा तो वे बोल नहीं रहे थे। उनके घरवालों को सूचना देनी चाही। किसी का नंबर नहीं लगा तो किसी ने कॉल रिसीव नहीं की।"
"आसपास के लोग आए तो पता चला कि पति की मौत हो गई। इसके बाद जैसे-तैसे उनके घरवालों को सूचना दी। सुबह मैं अंतिम संस्कार की तैयारी कर रही थी। तब उनके घरवाले आए और हत्या का इल्जाम लगाने लगे। मैंने कुछ नहीं किया है। मैं कुछ क्यों करुंगी। मेरे बच्चे बिना बाप के हो गए। मैंने भी अपना पति खोया है। अब ऐसे इल्जाम लगाए जा रहे हैं। पति बीमारी से मरे हैं।"
भाई ने कहा था-ओरक्षा मंदिर में शादी की, दो दिन पहले कागज में पत्नी बनी
इस पूरे मामले में प्रमोदी के बड़े भाई सुरेश कुमार ने शनिवार को कहा था कि मेरे भाई प्रमोद पहले एक महिला के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहते थे। बाद में उनकी दूसरे मोहल्ले की गीता नाम की महिला से दोस्ती हो गई। करीब 10 माह पहले दोनों ने ओरछा जाकर मंदिर में शादी कर ली थी। पहली शादी से गीता के दो बच्चे हैं। शादी के बाद दोनों पति-पत्नी की तरह रह रहे थे।
वहीं, मृतक के भांजे नरेंद्र कुमार ने बताया था कि “मामा प्रमोद कुमार ने अपनी पत्नी गीता और उसके दो बच्चों को दो दिन पहले ही कागजों में भी पत्नी और बच्चा स्वीकार कर लिया था। दो दिन तक वे स्वस्थ्य थे। शनिवार सुबह अचानक फोन आया कि प्रमोद की मौत हो गई। सूचना पर हम लोग मौके पर पहुंच गए। देखा तो अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी। पंडित भी बुला लिए थे।”
पुलिस ने शनिवार को रुकवाया अंतिम संस्कार
प्रमोद कुमार किराए के मकान में रहते थे। उनके घर से थाना करीब 300 मीटर दूर है। मौत की सूचना पर बड़े भाई सुरेश कुमार और अन्य परिजन घर पर पहुंचे तो अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी। तब बड़े भाई ने लाश को शमशान जाने से रोक दिया और यह हवाला दिया कि रिश्तेदार आ रहे हैं। इसके बाद वे चुपचाप प्रेम नगर थाने पहुंचे गए और पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और अंतिम संस्कार रुकवा दिया था। हालांकि, पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
प्रमोद की मौत बीमारी से हुई: एसपी
एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि प्रमोद कुमार के शव का पोस्टमॉर्टम करवाया गया था। पोस्टमॉर्टम में बीमारी से मौत होने की पुष्टि हुई है। परिजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन कोई तहरीर उनके द्वारा नहीं दी गई है। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
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