सपा के विधायकों की बगावत पर तिलमिलाए समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, कह दी बड़ी बात
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और मुखिया अखिलेश यादव राज्यसभा चुनाव में पाला बदलने वाले विधायकों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जो लोग गए हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा जीतने के लिए कोई भी हथकंडा अपनाएगी। हर एक में यह साहस नहीं होता कि वह सरकार के खिलाफ खड़ा हो जाए। सरकार के खिलाफ वोट करने के लिए हिम्मत की जरूरत होती है। उन्होंने चंडीगढ़ मेयर चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि वहां वीडियोग्राफी नहीं हुई होती तो भाजपा की बेईमानी सामने नहीं आ पाती।
अखिलेश ने कहा, ‘जहां तक यूपी का सवाल है, जो लोग गए हैं उनमें साहस नहीं रहा होगा सरकार के खिलाफ खड़े होने का। किसी को मंत्री पद का ऑफर दिया गया होगा तो किसी को कुछ और मैंने तो पैकेज की बात भी सुनी है। कुछ पैकेज ऐसे भी होते हैं जो दिखते नहीं हैं’।
उन्होंने कहा, ‘कुछ लोगों को डराया-धमकाया गया होगा। कुछ लोगों से यह भी कहा गया होगा कि तुम्हारा ये पुराना मुकदमा है, इसकी फाइल खोल देंगे। दिल्ली से फोन आएगा तो कौन मना करेगा’।
सपा प्रमुख ने कद्दावर नेताओं के साथ छोड़ जाने के सवाल पर कहा कि कद्दावर लगते थे लेकिन हैं नहीं। उन्होंने यह भी कहा, ‘किसकी अंतरात्मा में क्या है, ये हम नहीं जानते’। अपना दल कमेरावादी की पल्लवी पटेल को लेकर सवाल पर कहा कि उनकी अंतरात्मा में क्या है, ये हमें क्या पता।
अखिलेश ने कहा, ‘हम लोकसभा चुनाव में जनता के बीच जा रहे हैं, जनता सब देख रही हैं। प्रेस के साथियों, अपनी अंतरात्मा से ये बता देना कि किसको क्या पैकेज मिला है’।
राज्यसभा चुनाव का असर क्या लोकसभा चुनाव में पड़ेगा? इस पर अखिलेश ने कहा, ‘इसका कोई असर नहीं होगा। हम और मजबूती के साथ सामने आएंगे’। उन्होंने आगे कहा, ‘हम तो विपक्ष में हैं, हम किसी को क्या दे सकते हैं। हमारे पास देने को कुछ नहीं है, जो लोग गए हैं। वो क्यों गए हैं मुझे नहीं मालूम, हो सकता है कि दोनों का हेडक्वार्टर एक हो। मैं नहीं जानता कि कौन कहां गया है’।
सपा कर सकती है सदस्यता खत्म करने की अपील
यूं तो राज्यसभा चुनाव में विधायकों के लिए दल-बदल कानून लागू नहीं होता है, इसलिए उसका उपयोग सपा नहीं कर सकती है, किंतु पाला बदलने वाले विधायकों के खिलाफ साक्ष्य जुटाकर उनकी सदस्यता खत्म करने की अपील विधानसभा अध्यक्ष से पार्टी जरूर कर सकती है।
हालांकि, सपा को अपील करने से पहले यह साक्ष्य देने होंगे कि उसके विधायकों ने पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल हो गए हैं। कई बार ऐसे मामले लंबे खिंच जाते हैं।