उत्तर प्रदेश में 7 हजार से ज्यादा लेखपालों की नियुक्ति जल्द, तेजी से निपटेंगे राजस्व प्रशासन के काम
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में आय, जाति, निवास प्रमाणपत्र बनाने के लिए सत्यापन के काम में तेजी आएगी। जन्म और मृत्यु का सत्यापन भी जल्द हो सकेगा। सरकारी पेंशन योजना के लिए पात्रता का परीक्षण भी जल्द हो सकेगा। जमीन की पैमाइश को भी रफ्तार मिलेगी। एग्रीस्टैक योजना के तहत मौके पर जाकर खसरे की पड़ताल भी तेजी से हो सकेगी। वजह यह है कि प्रदेश को जल्द ही 7,897 और लेखपाल मिल जाएंगे, जिनमें से 7,720 को जल्द नियुक्त करने की तैयारी राजस्व परिषद कर रहा है।
अभी लेखपाल पर काम का बोझ अत्यधिक
प्रदेश में राजस्व लेखपाल के 30,837 पद हैं, जिनमें 12,697 पद खाली हैं। बड़ी संख्या में पद खाली होने से लेखपाल संवर्ग पर काम का बोझ अत्यधिक है। इसका अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2023 में प्रदेश में सिर्फ आय, जाति और निवास प्रमाणपत्र के ही औसतन 35 लाख आवेदन प्रतिमाह प्राप्त हुए।
प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने लेखपाल के 8,085 पदों पर भर्ती के लिए 31 जुलाई 2022 को लिखित परीक्षा आयोजित की थी। आयोग ने 30 दिसंबर 2023 को परीक्षा का परिणाम जारी करते हुए 7,897 अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण घोषित किया था। आयोग ने इनमें से 7,720 अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए राजस्व परिषद से संस्तुति की है। राजस्व परिषद अब चयनित लेखपालों की जिलावार तैनाती की प्रक्रिया में जुटा है।
ये होते हैं लेखपाल के नियंत्रक प्राधिकारी
परिषद का इरादा है कि जिलों की आवश्यकताओं के अनुसार चयनित लेखपालों की सूची संबंधित जिलाधिकारियों को उपलब्ध करा दी जाए। इसके लिए मंगलवार प्राप्त रिक्तियों का अध्ययन किया जा रहा है। जल्द ही जिलों को आवंटित लेखपालों की सूची भेजी जाएगी। लेखपाल का संवर्ग मंडलीय होता है। लेखपाल का नियंत्रक प्राधिकारी जिलाधिकारी और नियुक्ति प्राधिकारी एसडीएम होता है।