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गाजीपुर में वीर अब्दुल हमीद सेतु की स्ट्रीट लाइटों में प्रकाश का अभाव; बनी हैं शोपीस

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाज़ीपुर जिले में गंगा नदी पर बने सेतु का नाम तो परमवीर चक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद के नाम पर कर दिया गया, लेकिन डेढ़ दशक से यहां लगी स्ट्रीट लाइटें शोपीस बनी हैं। हमीद सेतु की स्ट्रीट लाइट रात में नहीं जलती हैं। इसके लिए कई बार छात्र नेताओं और क्षेत्रीय लोगों ने आंदोलन किया। इसके बाद भी यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। जबकि ठंड के मौसम में पुल पर अधिक कोहरा होने के कारण आमने-सामने वाहनों के टकराने की संभावना बनी हुई है। इसके बाद भी इसकी कोई सुध नहीं लेने वाला है।
हमीद सेतु गाजीपुर जिले को बिहार से जोड़ने का रास्ता है। हमीद सेतु पर कल्याण सिंह की सरकार में PWD मंत्री रही शारदा चौहान के कार्यकाल में लाइट की व्यवस्था की गई, लेकिन मात्र कुछ दिन जलने के बाद पिछले कई सालों से शोपीस बनी हुई है। यहां पुल से प्रतिदिन एक हजार से अधिक वाहनों का आवागमन होता है। यहां सेतु की स्ट्रीट लाइटों के खराब होने और अंधेरा होने के चलते रात के समय दो वर्षों में छह से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

राहगीर ने बताया कि सेतु पर प्रकाश की व्यवस्था न किए जाने से काफी दिक्कत होती है। इसी का नतीजा है कि पुल पर आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं। वहीं, एक स्थानीय ने बताया कि रात के समय एक दूसरे वाहन और राहगीरों के गुजरते समय यह आशंका बनी रहती है कि कोई हादसा न हो जाये। इस पुल पर लगे लाइट को जलाने के लिए लोग कई बार धरना प्रदर्शन आमरण अनशन कर चुके हैं। फिर भी अधिकारी मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। यहां रात के समय में लोग गंगा पुल से अंधेरे में गुजरते हैं। कुछ वर्ष पूर्व सवारियों से भरी एक जीप रेलिंग तोड़ते हुए नदी में गिर गई थी, जिसमें 5 लोगों की मौत हुई थी।
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