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माघ मेले का दूसरा स्नान पर्व पौष पूर्णिमा आज, संगम पर भोर से ही लग रही आस्था की डुबकी

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. माघ मेले का दूसरा स्नान पर्व पौष पूर्णिमा आज है। हाड़ कंपा देने वाली ठंड भी लाखों श्रद्धालुओं के कदम नहीं रोक पाई। भोर से ही संगम पर स्नान-दान का सिलसिला शुरू हो चुका है। लाखों की संख्या में भीड़ भोर से ही संगम की ओर आने लगी है। स्नान-दान का सिलसिला जारी है। अभिजीत मुहूर्त और सर्वार्थ सिद्ध योग के कारण पौष पूर्णिमा का यह स्नान खास महत्व रखता है।
मेले में आने वाले लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए चप्पे चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है। प्रमुख स्नान घाटों पर एटीएस की तैनाती की गई है। लगभग 5000 सुरक्षा कर्मियों को लगाया गया है। सीसीटीवी कैमरे और संगम वॉच टावर से विशेष कैमरे से पूरे माघ मेला क्षेत्र की निगरानी रखी जा रही है। भारी भीड़ को देखते हुए स्नान घाटों की संख्या को बढ़ाकर 8 से 12 कर दिया गया है।
जानिए क्या रहेगा यातायात प्रबंधन
24 जनवरी को सायं 8 बजे से 26 जनवरी को दोपहर 12 बजे तक या भीड़ समाप्ति तक संगम क्षेत्र में प्रशासनिक/चिकित्सीय वाहनों के अतिरिक्त सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
माघ में आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन निम्न स्थानों पर निर्धारित ‘पार्किंग’ स्थलों पर खड़ा कर सकेंगेः-
प्लाट नंबर 17 पार्किंग।
गल्ला मण्डी दारागंज पार्किंग
हेलीपैड पार्किंग
काली सड़क पर दाहिने एवं बाऐ बनी पार्किंग
ओल्ड जी.टी. कछार पार्किंग
बैठक में भाग लेते पुलिसकर्मी।
मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक होने पर निम्नानुसार पार्किंग प्रस्तावित हैः-
मिर्जापुर- रीवा की ओर से आने वाले समस्त दो पहिया व चार पहिया वाहनों को लेप्रोसी चौराहे के बगल में नवप्रयागम पार्किंग में पार्क कराया जाएगा।
जौनपुर-वाराणसी की ओर से आने वाले वाहनों को कटका तिराहे से डायवर्जन कर ओल्ड जीटी कछार पार्किंग में पार्क कराया जाएगा।
कानपुर-लखनऊ की ओर से आने वाले वाहनों को सीएमपी डिग्री कालेज,केपी इण्टर कालेज व बक्शी बाँध कछार पार्किंग में पार्क कराया जाएगा।
मेला क्षेत्र में पैदल आगमन करने वाले स्नानार्थियों व श्रद्धालुओं हेतु मार्गः-
संगम आने का पैदल मार्ग- संगम आने वाले श्रद्धालुओं/स्नानार्थियों को जीटी जवाहर से प्रवेश कर काली सड़क आकर काली रैम्प से होते हुए संगम अपर मार्ग से संगम तक जा सकेंगे।
संगम से वापसी का पैदल मार्ग- संगम क्षेत्र से अक्षयवट मार्ग से होते हुए इंटर लाकिंग मार्ग से जगदीश रैम्प मार्ग एवं त्रिवेणी मार्ग चौराहे से वापस परेड क्षेत्र में स्थित पार्किंग स्थल पहुँच सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि संगम मेला क्षेत्र में जाने हेतु प्रवेश मार्ग जीटी जवाहर चौराहे से एवं निकास मार्ग हर्षवर्धन चौराहे से प्रस्तावित है।
प्रमुख स्नान पर्व के दिनों में अक्षयवट दर्शन के लिए बन्द रहेगा और सामान्य दिनों में सुबह 07.00 बजे से शाम 17.30 बजे तक खुलेगा।
क्या है पौष पूर्णिमा का पौराणिक महत्व
इंडियन कौंसिल ऑफ़ एस्ट्रोलॉजिकल साइंसेज की प्रयागराज चैप्टर की चेयर पर्सन डॉ. गीता मिश्रा त्रिपाठी बताती है कि पौष माह में शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि पौष पूर्णिमा के नाम से जानी जाती है। इस साल यह तिथि 25 जनवरी 2024 दिन गुरुवार को पड़ी है। पौष पूर्णिमा के दिन व्रत, गंगा स्नान एवं दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है। मोक्ष मिलता है। स्नान-दान और व्रत करने और रात में चंद्रमा और माता लक्ष्मी की पूजा करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
24 जनवरी 2024 की रात 9 बजकर 24 मिनट से पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि शुरू हो रही है। अगले दिन यानी 25 जनवरी 2024 को रात 11 बजकर 23 मिनट पर इसका समापन होगा। यही कारण है कि इस साल 25 जनवरी 2024 को पौष पूर्णिमा मनाई जा रही है।
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