गाजीपुर में जच्चा बच्चा केंद्र अपनी बदहाली पर बहा रहा आंसु, टीकाकरण के लिए इधर-उधर भटकती गर्भवती महिलाएं
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर के दिलदारनगर के उसिया गांव में एक दशक पूर्व बना जच्चा-बच्चा केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। यह भवन पूरी तरह जर्जर अवस्था में पहुंच जाने के कारण इसमें घुसना खतरे से खाली नहीं है। इस लिए इस केंद्र पर कार्यरत कर्मचारी गायब रहते हैं। जिससे टीकाकरण के लिए गर्भवती महिलाओं को इधर उधर भटकना पड़ता है। एक दशक पूर्व गांव में महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस केंद्र को बनवाया गया था। इसके बाद इस केंद्र पर एएनएम की नियुक्ति कर महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधा भी मुहैया कराई जाने लगी।यह व्यवस्था ज्यादा दिन तक नहीं चल पाई।
जच्चा-बच्चा केंद्र बना जर्जर
भवन मरम्मत के अभाव में जर्जर होता चला गया। इसके बाद इसमें बैठने से एएनएम व अन्य कर्मचारी कतराने लगे। वर्तमान में स्थिति यह है कि पूरा भवन बुरी तरह से जर्जर हो जाने के कारण केंद्र पर बैठना खतरे से खाली नहीं है। भवन के खिड़की व दरवाजे जंग लगकर पूरी तरह खराब हो चुके हैं। कर्मचारियों के गायब रहने एवं भवन के जर्जर हो जाने के कारण अब मरीज भी नहीं पहुंचते हैं। केंद्र बदहाल होने से सबसे अधिक परेशानी गर्भवती महिलाओं व शिशुओं को हो रही है।
टीकाकरण के लिए बना था भवन
ग्रामीणों का कहना है कि उक्त केंद्र कई वर्षों से जर्जर अवस्था में पहुंच जाने के कारण टीकाकरण के लिए गांव के किसी के दरवाजे या किसी के आवास पर जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग का ध्यान आकृष्ट कराते हुए भवन मरम्मत की मांग की है। इस संबंध में प्रभारी चिकित्साधिकारी धनंजय कुमार ने कहा मेरे द्वारा लिखित एवं मौखिक रूप से जर्जर भवन के बाबत उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है धन आते ही भवन के मरम्मत का कार्य कराकर पुनः केंद्र को शुरू कर दिया जाएगा।