मुख्तार अंसारी के करीबी की हाईकोर्ट ने अर्जी की निरस्त, जानिए पूरा मामला
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. बहादुगंज की पूर्व नगर पंचायत चेयरमैन निकहत परवीन फिलहाल बर्खास्त है। इस बीच निकहत ने बर्खास्तगी के आदेश को निरस्त कराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। गुरुवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने एक सिरे से निकहत की याचिका को खारिज कर दिया।
आईएस (191) गैंग के सरगना मुख्तार अंसारी के करीबी बहादुरगंज नगर पंचायत के चेयरमैन रियाज अंसारी और उसकी पत्नी निकहत परवीन को प्रशासन ने अपने रेडार पर लिया है। निकहत पर आरोप है कि उसने फर्जी मार्कशीट लगा मदरसे में नौकरी हासिल की थी। इस मामले में निकहत के पति रेयाज और उसके सहयोगियों को भी पुलिस ने निकहत की फर्जी नियुक्ति में लिप्त पाया है।
बहादुरगंज नगर पंचायत के चेयरमैन रेयाज अंसारी की पत्नी निकहत अंसारी की नियुक्ति एक मदरसे में सहायक अध्यापिका के पद पर थी। बाद में पता चला कि फर्जी अंकपत्रों के आधार पर निकहत ने नौकरी पा ली है। इस मामले में शिकायत मिलने पर विभागीय जांच बैठायी गई। जिला अल्पसंख्यक कार्यालय की जांच में निकहत की नियुक्ति में फर्जी मार्कशीट लगाने का आरोप सही पाया गया।
विभाग ने इस मामले में निकहत अंसारी को बर्खास्त कर दिया।बाद में इस प्रकरण को लेकर कासिमाबाद थाने में मुकदमा भी दर्ज हुआ। जिसमें निकहत को 27 नवम्बर को जेल भी जाना पड़ा था। हालांकि वर्तमान में वह जमानत पर बाहर है। निकहत परवीन केस में उसका पति और बहादुगंज नगर पंचायत के अध्यक्ष रेयाज अंसारी, जेडी आफिस का बाबू परवेज जमाल, नजीर इस्लामी और जियाउल भी पुलिस जांच में शामिल पाए गए। इन सभी पर भी निकहत की नियुक्ति में शामिल रहने को लेकर मुकदमा दर्ज हुआ था।
निकहत परवीन ने मदरसे की अपनी नौकरी बहाली को लेकर हाईकोर्ट में अपील की थी। गुरुवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने निकहत की खारिज को खारिज कर दिया। कोर्ट ने बर्खास्तगी के आदेश को बरकार रखा है। जानकारों की माने तो निकहत के सामने अपनी नौकरी बहाल कराने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट जाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है।