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प्रेमी से झगड़े के बाद फंदे से लटक गई महिला सिपाही, शादी तय करने वाले थे घरवाले

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. लखनऊ कैंट के सदर इलाके में रहने वाली 27 वर्षीय महिला सिपाही ने प्रेमी से झगड़े के बाद मंगलवार देर रात खुदकुशी कर ली। फोन न उठने पर बुधवार सुबह घर पहुंचे जीजा को सिपाही का शव कमरे में फंदे से लटकता हुआ मिला। पुलिस ने फरेंसिक टीम को मौके पर बुलाकर जांच की। काफी देर छानबीन करने के बाद भी कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। भाई की तहरीर पर पुलिस ने प्रेमी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।

उन्नाव के गांधी नगर निवासी अंजनी तिवारी कपड़ा कारोबारी हैं। उनकी बेटी अंशी तिवारी भर्ती बोर्ड में महिला सिपाही के पद पर तैनात थी। 2019 बैच की अंशी पिछले चार महीने से कैंट में किराए पर रह रही थी। भाई प्रशांत ने बताया कि मंगलवार शाम पांच बजे उनकी अंशी ने फोन पर बात हुई थी। इस दौरान उसने दरोगा भर्ती के लिए फॉर्म भरने का जिक्र किया था। वह काफी खुश थी। रात करीब 10 बजे अंशी के इटावा निवासी प्रेमी अखिल त्रिपाठी का मैसेज आया। मैसेज में उसने लिखा था कि अंशी से झगड़ा हो गया है, वह फोन नहीं उठा रही है।

प्रशांत के लगातार कॉल करने के बाद भी अंशी का फोन नहीं उठा। अनहोनी की आशंका पर प्रशांत ने आलमबाग निवासी अपने जीजा आशुतोष को घर जाकर देखने को कहा। सुबह करीब साढ़े आठ बजे आशुतोष अंशी के किराए के मकान पर पहुंचे, जहां दरवाजा भीतर से बंद था। खिड़की से झांककर देखा तो अंशी का शव फंदे से लटक रहा था। महिला सिपाही के सुसाइड की सूचना मिलते ही एसीपी कैंट पंकज सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। फरेंसिक टीम को बुलाकर जांच की गई। परिवारीजनों की मौजूदगी में पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।

पांच वर्ष पहले हुई थी मुलाकात
प्रशांत ने बताया कि वर्ष 2019 में अंशी ट्रेनिंग कर रही थी। इस दौरान फेसबुक के जरिए उसकी इटावा निवासी अखिल त्रिपाठी से मुलाकात हुई थी। उस वक्त अखिल कानपुर में रहकर बीटेक कर रहा था। दोनों पिछले पांच वर्षों से एक-दूसरे को चाहते थे।
फरवरी में जाना था शादी की बात करने
प्रशांत ने बताया कि शुरुआत में तो उसके परिवारीजन शादी के लिए नहीं माने। हालांकि, बाद में दोनों ने उन्हें मना लिया। 28 दिसंबर को अंशी छुट्टी लेकर घर आई थी, इस दौरान फरवरी में अखिल के परिवारीजनों से शादी की बात करने के लिए जाना तय हुआ था। शादी की बात से वह काफी खुश थी। 31 दिसंबर को लौटते समय भी वह इसी बात पर चर्चा कर रही थी।
भाई को आईएएस अफसर बनाना चाहती थी अंशी
प्रशांत ने बताया कि उनके पिता कपड़े बेचने का काम करते हैं। आय का श्रोत ज्यादा न होने से परिवार का खर्च अंशी के ही जिम्मे था। अपनी सैलरी से वह हर माह घर खर्च के लिए रुपये भेजती थी। यहीं नहीं प्रशांत को वह आईएएस अफसर बनाना चाहती थी। उसने एडमिशन भी करवाया था, लेकिन अचानक उसकी मौत से परिवार टूट गया। मौत का पता चलते ही मां और पिता बेसुध हो गए।
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