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बनारस में ATM में डेबिट कार्ड क्लोनिंग करने वाले 5 शातिर चोर गिरफ्तार, कार और 66 डेबिट कार्ड बरामद - Purvanchal News

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. बनारस के कैंट थाना क्षेत्र में लगातार ATM से डेबिट कार्ड क्लोनिंग और चोरी होने की वारदातों के बीच पुलिस ने पांच चोरों को दबोच लिया। एटीएम पर वारदात को अंजाम देने वाले इन पांच शातिर चोरों से पुलिस ने 66 एटीएम बरामद किए हैं। जिनमें से चोरों ने लाखों रुपए की नगदी पार कर दी, हालांकि उनके पास महज 11 हजार रुपये ही पुलिस ने बरामद किए। पांचों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
वरुणा जोन के पुलिस उपायुक्त अमित कुमार ने बताया कि कैंट पुलिस और क्राइम ब्रांच ने चोरों का ऐसा गिरोह दबोचा है जिसके सदस्य एटीएम मशीन में फेवीक्विक लगाकर कार्ड बदलते थे। इन आरोपियों में बुलंदशहर के खुर्जा शाहपुर कला निवासी जोगिन्दर सिंह, सलमान खान, विजय कुमार और हर्ष चौहान, आसफपुरनार गांव निवासी दुष्यन्त चौधरी हैं। पांचों कार के जरिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, हरियाणा में शहर-शहर घूमते हैं और ठगी करते हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक कार, पांच मोबाइल फोन, 11 हजार रुपये, 66 डेबिट कार्ड बरामद किया है। आरोपी एक शहर में दो तीन दिन रुककर वारदात करते थे फिर फरार हो जाते थे।

मदद के नाम पर बदलते थे कार्ड
सीओ विदुष सक्सेना के अनुसार पांचों आरोपी सहायता के नाम पर डेबिट कार्ड बदलकर ठगी करते थे। अगर इसमें सफल नहीं हो पाते थे तो फेवीक्विक का सहारा लेते थे। गिरोह का कोई व्यक्ति एटीएम में रहता था। किसी के आने के पहले ही जहां डेबिट कार्ड लगाया जाता है, वहां फेवीक्विक लगा देता था। जब कोई व्यक्ति डेबिट कार्ड लगाने के बाद पूरी प्रक्रिया अपनाकर पिन डालता था, तब ये देख लेते थे।
कार्ड धारक रुपये निकालने के बाद डेबिट कार्ड फेवीक्विक के कारण बाहर नहीं आ पाता था। जब व्यक्ति बाहर गार्ड को ढूंढने जाता था, तभी कार्ड को निकालने के लिए प्रीमियम ह्वाईट ग्लू लगा देते थे। इससे फेवीक्विक का असर खत्म हो जाता था। कार्ड आसानी से बाहर आ जाता था। जब व्यक्ति बाहर से आता था, तब उसे दूसरा कार्ड पकड़ाकर वहां से चले जाते थे। पास के दूसरे एटीएम से रुपये निकाल लेते थे।
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