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बेटी का अफेयर था, पिता ने मार दिया; बोला- पत्नी-बहन ने हाथ-पैर पकड़े..मैंने गला घोंट दिया - UP News

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, मैनपुरी. उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में एक पिता ने पत्नी और बहन के साथ मिलकर 14 साल की बेटी की हत्या कर दी। पिता को बेटी पर शक रहता था। उसे बेटी के चाल-चलन सही नहीं लगते थे। इसके बाद उसने प्लान बनाकर बेटी की घर में ही हत्या कर दी। फिर उसके शव को एक सुनसान जगह पर फेंक आया।

इसमें उसका एक दोस्त और बेटी का मौसा भी शामिल था। इसके बाद उसने बेटी की हत्या का आरोप अपने ही दो रिश्तेदारों पर लगाया। लेकिन पुलिस जांच में वह पकड़ा गया। पुलिस ने 3 महीने बाद इस घटना का खुलासा करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को इन सब ने बहुत गुमराह किया, लेकिन फोन कॉल डिटेल ने सारे राज खोल दिए।

पिता ने बेटी के शव को एटा में फेंक दिया था

एटा में 30 अक्टूबर, 2023 को एक लड़की का शव मिला था। पुलिस ने जांच की, तो पता चला ये लड़की मैनपुरी के बिछवां थाना के नगला हरकेशी गांव की रहने वाली है। पुलिस ने परिवार को मामले की जानकारी देकर उनको मौके पर बुलाया। शव की शिनाख्त कराई। पहचान होने पर केस को मैनपुरी ट्रांसफर कर दिया गया।

लड़की के पिता ने पहले हत्या का केस दर्ज करवाया। फिर उसमें अपने गांव के दो लोगों दिनेश और विशेष का भी नाम जोड़ दिया। केस दर्ज होने के बाद ये दोनों लोग फरार हो गए। इसके बाद से पुलिस दोनों के परिवार वालों से पूछताछ कर रही थी। खुलासे के बाद पुलिस इन दोनों के नाम FIR से हटा रही है।

बेटी का अफेयर था...पिता ने मार दिया

इस केस में पुलिस का कहना है, हम लोग लगातार लड़की के हत्यारे की तलाश कर रहे थे। हमारा ध्यान कभी परिवार की ओर नहीं गया। क्योंकि जिस तरह से ये लोग बेटी खोने का शोक मना रहे थे, हमें नहीं लगा कि ये लोग ऐसा काम कर सकते हैं। जिन दो युवकों का नाम पिता ने लिया था, जब हमने उनके घर में पूछताछ की तो पता चला इनकी बेटी का किसी अफेयर था।

ये वो लड़की है, जिसकी हत्या उसके पिता ने की है।

इस बात को लेकर घर में पिता-बेटी का बहुत विवाद होता था। इस जानकारी के बाद ही हमारी शक की सुई पिता केपी की ओर घूमी थी। हम लोगों ने पिता की फोन डिटेल और रिकॉर्डिंग चेक की। जिसमें हमें कई सारे सबूत मिले। ठोस सबूत मिलने के बाद हमने पिता को हिरासत में लिया। उससे पूछताछ की, जिसके बाद उसने सारा सच हमें बता दिया।

पिता पर हत्या, लूट, डकैती, अपहरण, गैंगस्टर जैसे कई केस दर्ज

पुलिस का कहना है कि पिता पर 24 से ज्यादा हत्या, लूट, डकैती, अपहरण, गैंगस्टर जैसे संगीन अपराध दर्ज हैं। ये बहुत ही शातिर किस्म का अपराधी है। अभी ये जमानत पर बाहर था। केपी को लगता था, गांव के दिनेश और विशेष ही पुलिस से उसकी मुखबिरी करते थे। तभी वो उसको फंसाना चाहता था।

साथ ही उसे अपनी बेटी की हरकतें भी सही नहीं लगती थी। उसने बेटी को कई बार किसी के साथ देखा। बहुत समझाने पर जब बेटी नहीं मानी, तो उसकी हत्या कर दी और नाम किसी और का लगा दिया। हालांकि अब सभी आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है। इस हत्या का मुख्य आरोपी पिता केपी है।

पुलिस ने बताया, उसके अनुसार

हमारे गांव में बहुत दुश्मन हैं। मेरे ऊपर कई केस दर्ज हैं, लेकिन मैं जमानत पर चल रहा था। दिनेश और विशेष मेरे बारे में सारी जानकारी पुलिस को देते थे। मैं उनको कई बार समझा चुका था, लेकिन वो नहीं मानते थे।

दरअसल, वो लोग गांव में अपना डर का नाम बनाना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। गांव में लोग मुझसे डरते थे। मेरे नाम भर से सारा काम हो जाया करता था। इस बात की वो लोग मुझसे दुश्मनी मानते थे। मैं भी उनकी हरकतों से परेशान रहता था और उनको रास्ते से हटाना चाहता था।

मुझसे उसकी हरकतें बर्दाश्त नहीं हो पाती थी...

वहीं, घर में मैं अपनी बेटी से परेशान रहता था। उसकी हरकतें बहुत खराब हो गई थी। इतनी छोटी उम्र में उसके अफेयर थे। मैंने भी उसको किसी के साथ देखा था। बहुत समझाता था, उसको लेकिन वो एक बात नहीं सुनती थी। पिता होने के नाते उसकी ये सब हरकतें बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था।

मेरी पत्नी सुधा और बहन बेबी उसके बारे में मुझे अक्सर बताती रहती थीं। मुझे याद है, 29 अक्टूबर की रात…उस दिन हम सब लोग घर पर थे। लेकिन बेटी हमारे साथ नहीं थी। वो अपने कमरे में थी। मेरी पत्नी उसको बुलाने गई, तो कमरे में नहीं मिली। हम लोग उसके देखने पहुंचे, तो वो हमें गांव के एक लड़के साथ दिखी।

हमें देखकर वो लड़का भाग गया, लेकिन बेटी को पकड़कर हम लोग घर ले आए। घर आकर उसको डांटा, तो वो हम लोगों से लड़ने लगी। वो बोल रही थी, मैं घर से भाग जाऊंगी। वो किसी भी तरह से शांत नहीं हो रही थी।

हम पुलिस की जांच भटका रहे थे, लेकिन पकड़े गए...

जिसके बाद मैंने बेटी को तेज थप्पड़ मारा। वो कुछ समझ पाती, इतनी देर में मैंने उसके दुपट्टे से उसका गला कस दिया। पत्नी और बहन ने बेटी के हाथ-पैर पकड़ लिए थे। जब बेटी मर गई, तो वहीं बैठकर हम लोगों ने गांव के दिनेश और विशेष को फंसाने का प्लान बनाया।

उसके बाद मैंने बेटी के मौसा अखिलेश को गाड़ी लेकर घर आने के लिए बोला। फिर दोस्त रजनेश के साथ हम पुलिस को गुमराह करने के लिए बेटी के शव को एटा में फेंक आए। हम लगातार पुलिस की जांच भटका रहे थे, लेकिन आखिरी में हम पकड़े गए।

इस मामले पर पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि मृतक लड़की का पिता बहुत ही शातिर किस्म का अपराधी है। जिसने अपनी बेटी की खुद हत्या करके अपनी पत्नी और बहन के साथ मिलकर हत्या करके अपने विपक्षी दिनेश और विशेष को फंसाने का काम किया था। जांच में सच सामने आने के बाद एक्शन लिया गया है।

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