ग़ाज़ीपुर में नहीं चलीं 235 प्राइवेट बसें, 10 हजार से यात्री हुए परेशान
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सड़कों पर दौड़ रहे वाहनों से किसी की दुर्घटना या मौत हो जाने पर केंद्र सरकार के द्वारा एक नया कानून लाया गया है। जिसके तहत 10 लाख रुपए का जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान किया गया है। इस कानून के आ जाने के बाद से ही वाहन चालकों में काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है।
गाज़ीपुर में भी प्राइवेट बस यूनियन, ट्रक आपरेटर यूनियन के साथ ही रोडवेज के ड्राइवर भी हड़ताल में शामिल रहे। हालांकि रोडवेज की हड़ताल मात्र 2 घंटे चली और जैसे ही इसकी जानकारी आला अधिकारियों को हुई तो रोडवेज की हड़ताल को खत्म करा दिया गया।
हड़ताल के चलते यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। इस बारे में जब रोडवेज के एआरएम बीके पांडे से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इन लोगों के हड़ताल का पूर्व से कोई नोटिस नही था। न विभाग को कोई जानकारी दी गई थी। इसलिए इन लोगो का हड़ताल सही नहीं था। यह लोग अन्य डिपो में हड़ताल की जानकारी पर इस तरह का प्रयास किए थे। लेकिन रोडवेज का संचालन चालू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से रोडवेज के कर्मियों ने इस तरह का प्रयास किया गया था। लेकिन रोडवेज का संचालन पूरी तरह से कर दिया गया है।
प्राइवेट बस एसोसिएशन के द्वारा भी आज सभी बसों के संचालन ठप कर दिया गया। गाजीपुर-वाराणसी पर चलने वाले बस के ड्राइवर प्रताप यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अमित शाह के द्वारा जो कानून लाया गया है वह ड्राइवर के हित में नहीं है ऐसे में जब तक इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा तब तक उनका यह आंदोलन जारी रहेगा।
ट्रक आपरेटर एसोसिएशन के सचिव मनोज यादव ने बताया कि जो यह कानून लाया गया है वह ड्राइवर और ट्रक के मालिकों के हित में नहीं है। ऐसे में उन लोगों के द्वारा सभी ट्रकों को जगह-जगह रोक दिया गया है।