बनारस-नई दिल्ली सुपरफास्ट ट्रेन को बलिया स्टेशन से चलाने की तैयारी
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. लोकमान्य तिलक टर्मिनस मुंबई को जाने वाली कामायनी एक्सप्रेस की तरह ट्रेन संख्या 12581/12582 बनारस-नई दिल्ली सुपरफास्ट को बलिया स्टेशन से चलाने की तैयारी चल रही है। सब कुछ ठीक रहा तो नए वर्ष से इस ट्रेन का संचालन बलिया स्टेशन से होगा। बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के प्रस्ताव पर रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल को रूट का परीक्षण सर्वे आदि काम सौंपा है। इस ट्रेन के संचालन से बलिया के लाेगों का राजधानी से सीधा जुड़ाव होगा। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों और व्यापारियों को भी काफी सहूलियत होगी।
बलिया सांसद ने रेलवे बोर्ड को भेजे प्रस्ताव में कहा है कि पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल की यह ट्रेन बनारस-नई दिल्ली सुपरफास्ट बनारस स्टेशन पर ही खड़ी रहती है। रात में 11 बजे बनारस से नई दिल्ली को रवाना होती है। यदि इस ट्रेन का विस्तार बलिया तक कर दिया जाए तो वह अपराह्न तीन बजे बलिया स्टेशन पहुंच जाएगी। तकनीकी जांच रखरखाव आदि के लिए चार घंटे का समय पर्याप्त है। इसके बाद रात आठ बजे बलिया स्टेशन से छूटकर अपने निर्धारित समय 11 बजे तक बनारस स्टेशन पहुंच जाएगी। इसके बाद वह दिल्ली रवाना हो सकेगी। दिल्ली स्टेशन से रात में 10.50 बजे यह ट्रेन खुलती है और सुबह दस बजे बनारस स्टेशन पहुंचती है।
कई साल से उठ रही है मांग
बलिया के काफी संख्या में लोगों की राजधानी नई दिल्ली के बीच आवाजाही होती है। ऐसे में बलिया से नई दिल्ली तक ट्रेन चलाने की मांग कई साल से हो रही है। रेलवे बोर्ड को भेजे पत्र में सांसद बलिया ने कहा है कि बनारस-नई दिल्ली सुपरफास्ट को ही विस्तारित कर दिया जाए।
बनारस से ज्ञानपुर रोड, प्रयागराज, कानपुर सेंट्रल, टुंडला और गाजियाबाद होते हुए नई दिल्ली के बीच अप-डाउन करती है। ऐसे में प्रयागराज, कानपुर तक जाने वालों को भी सहूलियत होगी।
ट्रेन संख्या 11071/11072 बनारस-एलटीटी कामायनी एक्सप्रेस को पिछले दस दिसंबर को रेलवे बोर्ड ने बलिया तक विस्तारित कर दिया। अब यह ट्रेन बनारस से नहीं बल्कि कैंट स्टेशन होते हुए बलिया स्टेशन के बीच चल रही है। बलिया सांसद ने इस ट्रेन का हवाला देते हुए बनारस-नई दिल्ली सुपरफास्ट को भी बलिया तक चलाने की मांग की है। बलिया सांसद के प्रस्ताव पर रेलवे बोर्ड से जैसा आदेश आएगा, उसका पालन कराया जाएगा। -अशोक कुमार, पीआरओ, पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल