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गाजीपुर में टूट रही डिजिटल इंडिया की कमर; वर्षों से अपडेट नहीं हुआ NIC पोर्टल

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के अंतर्गत नेशनल इनफॉरमेशन सेंटर के गाजीपुर जनपद के पोर्टल पर 5 वर्षों से सूचनाओं को अपडेट नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण आवश्यक जानकारी हेतु पोर्टल पर पहुंचने वाले जनपद वासियों को अपेक्षित जानकारी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब हे कि डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत नेशनल इनफॉरमेशन सेंटर द्वारा लोगों तक आवश्यक सूचनाओं को पहुंचाने के लिए, जिला सूचना विभाग की देखरेख में NIC पोर्टल बनाया गया है। जिसपर जिला स्तरीय कार्यक्रमों की सूचनाएँ, जनकल्याणकारी योजनाओं की सूचना, पब्लिक से जुड़े अधिकारियों के नंबर, मार्गो और नदियों सहित आवश्यक सरकारी भवनों तक पहुंचने की जानकारी आदि को दर्शाया गया है। जिससे कि आम जनमानस को छोटी-छोटी जानकारी के लिए सरकारी कार्यालय के चक्कर न लगाना पड़े।
पोर्टल पर सिर्फ डीएम और एसपी का फोटो और नाम होता है अपडेट
पोर्टल को आम लोगों के लिए उपयोगी बनाने के लिए, लगातार सूचनाओं और जानकारियों को अपडेट करते रहने का काम जिला सूचना विभाग संभालता है। सूचनाओं और जानकारी के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में जनपद वासियों सहित अन्य जनपदों और प्रदेशों के लोग पोर्टल पर पहुंचते हैं। लेकिन बीते 5 वर्षों से इस पोर्टल पर डीएम और एसपी की फोटो और नाम अपडेट करने के अलावा शायद ही कुछ किया गया है। ऐसे में जानकारी के लिए पोर्टल पर पहुंचने वाले हजारों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
डीएम के प्रोफाइल में दर्ज है भ्रामक और गलत जानकारी
पोर्टल अपडेट करने की स्थिति यह है कि डीएम के प्रोफाइल में ही मोबाइल नंबर के स्थान पर लैंडलाइन नंबर और लैंडलाइन नंबर के स्थान पर जनपद का लैंडलाइन कोड दर्ज किया गया है। लैंडलाइन नंबर पर फोन करने पर वह बताता है कि नंबर उपयोग में नहीं है कृपया जांच लें। इस तरह लोगों को डीएम के सीयूजी नंबर तक पहुंचने में असुविधा हो रही है।
पोर्टल पर ना थाना दर्ज है ना SHO सहित 100 पुलिस चौकियों का सीयूजी नंबर
जनपद में 1 वर्ष पूर्व बने सैदपुर क्षेत्र के रामपुर माझा थाना को लेकर कुल 27 थाने हैं, लेकिन अभी तक पोर्टल पर 26 थाने ही दर्ज हैं। 40 गांव के हजारों लोगों से जुड़े रामपुर माझा थाने का ना तो जिक्र है और ना ही कोई सीयूजी नंबर दर्ज है। थाना अध्यक्ष का सीयूजी नंबर लेने के लिए हजारों क्षेत्रीय लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। पोर्टल पर दर 26 स्थान में से सात थानों के नाम गलत लिखे हुए हैं। जिले में कुल लगभग 110 पुलिस चौकिया है। जिनके इंचार्ज सीयूजी नंबर रखते हैं, लेकिन पोर्टल पर उनका नंबर नहीं दिया गया है।
पोर्टल पर दर्ज हैं अधूरी जानकारियां, नहीं किया जा रहा अपडेट
नोटिस बोर्ड पर 5 वर्ष पूर्व की सिर्फ चार नोटिस पड़ी है, उसके बाद से कोई अपडेट नहीं है। टेलीफोन डायरेक्टरी में डीएम के बंद पड़े लैंडलाइन नंबर के अलावा कोई नंबर नहीं है। यहां पर सिर्फ 6 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो का जिक्र है। जबकि हर ब्लॉक में 2 से 3 सीएचसी मौजूद है। अनाउंसमेंट और इवेंट खाली पड़े हैं। एक्साइटिंग लैंड में जनपद के नक्शे के साथ इंगित जानकारियां धुंधली और अपठनीय है। जनपद में कई ऐतिहासिक स्थानों के बावजूद पोर्टल के टूरिस्ट रूम में सिर्फ सैदपुर के भीतरी स्थित गुप्त साम्राज्य के विजय स्तंभ का जिक्र है।
जिला सूचना विभाग में वर्ष से 5 रुकी है ट्रांसफर पोस्टिंग
दर्जनों सरकारी स्कूलों के बावजूद पोर्टल के स्कूल रूम में सिर्फ दो स्कूल ही दर्ज है। दर्जनों कॉलेज के बावजूद पोर्टल के कॉलेज रूम में सिर्फ 6 कालेज ही दर्ज हैं। नेशनल इनफॉरमेशन सेंटर द्वारा संचालित गाजीपुर जनपद का सरकारी पोर्टल बीते 5 वर्षों से शिथिल बना हुआ है। इस तरह गाजीपुर जनपद में डिजिटल इंडिया प्रोग्राम की कमर टूट रही है। पोर्टल पर आसानी से उपलब्ध हो सकने वाली जानकारी के लिए जनपद के लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। जिला सूचना विभाग में 5 वर्षों से ट्रांसफर पोस्टिंग रुकी हुई है। अपर जिला सूचना अधिकारी पद पर बीते 5 वर्ष से ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं हुई है।
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