बनारस में B.Sc की छात्रा ने लगाई फांसी, नहीं मिला सुसाइड नोट
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी में B.Sc फर्स्ट ईयर की छात्रा ने दुपट्टे के सहारे फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। छात्रा लंका थाना क्षेत्र स्थित रोहित नगर स्थित मंगलम अपार्टमेंट के सेकेंड फ्लोर पर अपने मौसी के घर पर रहती थी। उसके कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम और पुलिस जांच पड़ताल कर रही है। लंका थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्रा का कहना है कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा। उसके मोबाइल को कब्जे में ले लिया गया है पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।
प्राइवेट कॉलेज से B.Sc कर रही वैशाली सिंह उर्फ किशु (19) लंका में अपने मौसी विनीता सिंह के फ्लैट में रहती थी। घर पर कोई नहीं था। वैशाली ने फ्लैट का दरवाजा अंदर से बंद कर रखा था। मौसी जब शाम को स्कूल ड्यूटी कर अपने घर पहुंची, तो फ्लैट का दरवाजा काफी देर तक नहीं खुला। काफी मशक्कत के बाद पुलिस को सूचित कर दिया। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो देखा कि वैशाली दुपट्टे के सहारे फांसी लटक चुकी थी। तत्काल बॉडी को नीचे उतारा गया। इसके बाद फॉरेंसिक की टीम भी मौके पर पहुंच गई। जांच के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है।
वैशाली के माता-पिता भी इस दुनिया में नहीं
वैशाली मूलत: चंदौली जिले के बिठवल बबुरी की निवासी है। उसके माता-पिता की मौत पहले ही हो चुकी है। माता-पिता की मौत के बाद वैशाली मौसी के यहां आ गई और उसकी बाकी की दोनों बहनें मयूरी और जस्सी उसके दूसरी मौसी के घर करौंदी में रहने लगीं। जो कि वैशाली के अपार्टमेंट से 2 किमी दूर है। वैशाली की मां की मौत 2014 में और पिता की 2021 में हो गई थी। दोनों सरकारी स्कूल में टीचर थे।
मृतिका वैशाली सिंह। फाइल फोटो |
2 दिन पहले वैशाली ने मनाया था अपना 19वां बर्थडे
वैशाली ने 2 दिन पहले ही अपना 19वां जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाया था। आज वैशाली की छोटी बहन मयूरी का बर्थडे है। वह अपने दूसरी मौसी के घर जाने वाली थी। इस वजह से आज वह सुंदरपुर स्थित अपने स्कूल भी नहीं गई थी।
ड्यूटी करके आईं तो नहीं खुला फ्लैट का दरवाजा
वैशाली की मौसी विनीता सिंह ने बताया कि वह गाजीपुर के सैदपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में टीचर हैं। सुबह वह अपने स्कूल चली गई थीं। देर शाम में जब वह लौटी तो फ्लैट का दरवाजा बंद था। काफी देर तक आवाज देने के बाद भी कोई एक्टिविटी नहीं हुई। काफी देर बाद उन्होंने बेटे शाश्वत और पुलिस को सूचित किया। दरअसल, तब वैशाली ने फांसी लगाई तो वह फ्लैट में अकेले ही थी। विनीता के पति की मौत पहले ही हो चुकी थी। पिता की मौत के बाद विनीता के बेटे को नौकरी मिली थी।