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शिक्षक का हुआ पकडुआ ब्याह, दरोगा बाबू बोले, 'हमरो बियाह नहीं हुआ है जी'...

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर/पटना. पिछले दिनों हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी पकडुआ शादी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. अभी ताजा मामला वैशाली जिले से सामने आया है. दरअसल, हाल ही में बीपीएससी की परीक्षा पास कर शिक्षक बना एक युवक पकडुआ शादी का शिकार हो गया. हालांकि, पुलिस ने शिक्षक को महनार थाना क्षेत्र के नारायणपुर डेढ़पुरा गांव से बरामद कर लिया है, उनके साथ उनकी नवविवाहिता पत्नी भी थी. मामला वैशाली जिले के पातेपुर थाना क्षेत्र का है.

पहले जानते हैं कि क्या होता है पकडुआ विवाह

बिहार में यह एक कुप्रथा टाइप की है. यहां अच्छा नौकरी करते हुए लड़के को लोग पकड़कर जबरन उसकी शादी करा देते हैं. न नुकुर करने पर लड़के की पिटाई भी करते हैं. फिर जब लड़का नहीं मानता है तो उस पर बंदूक तानकर उसकी शादी करा देते हैं. यहां तक की मां-बाप अपने बेटे को गांव में बुलाने से डरते हैं वह उसे बाहर ही किसी अच्छे से शहर में रखना चाहते हैं जिससे कि उनका लड़का इस कुप्रथा का शिकार न हो.

नौकरी लगते ही किडनैप हो गया युवक

वैशाली जिले के पातेपुर थाना क्षेत्र के महया मालपुर गांव निवासी गौतम कुमार हाल ही में बीपीएससी की परीक्षा पास कर शिक्षक बने थे. पहली पोस्टिंग रेपुरा उत्क्रमित मध्य विद्यालय में हुई. अब पांच लोगों पर अपहरण का आरोप लगाते हुए शिक्षक के दादा राजेन्द्र राय ने 29 नवंबर को प्राथमिकी कराई है. बताया कि गांव के ही राजेश राय, डबल्यू राय, भूषण राय, विनोद राय, प्रमोद राय विद्यालय से अगवा कर गौतम को बोलेरो में बैठा कर ले गए.

दरोगा बाबू बोले- हमहुं कुंवारा हैं जी

अपहरण के आरोपी बनाए गए राजेश की पुत्री से जबरन शादी करा दी गई. शादी में विघ्न डालने शिक्षक के स्वजन ना पहुंच जाएं, इस कारण गांव से दूर युवती के चाचा के ससुराल में विवाह कराया गया. इसके बाद पुलिस ने छानबीन शूरू की और शिक्षक को बरामद कर लिया. ग्रामीणों से बात करते हुए स्थानीय थाना के दारोगा को यह कहते हुए सुना गया कि हमहुं कुंवारा हैं जी. इसका मतलब यह हुआ कि दारोगा जी भी पकडुआ शादी से डर रहे हैं.

हाईकोर्ट ने पकडुआ शादी को बताया अवैध

पिछले दिनों पटना हाईकोर्ट ने पकडुआशादी को अमान्य बताया था. एक केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा है कि जबरदस्ती कराई गई शादी मान्य नहीं होगी. बंदूक की नोंक पर मांग भरना शादी नहीं कहलाएगी. यानी किसी भी महिला की मांग में जबरन सिंदूर लगाना हिन्दू कानून के तहत शादी नहीं है. जब तक दूल्हा और दुल्हन पवित्र अग्नि के चारों फेरे नहीं ले या दोनों के बीच सहमति न हो, तब तक शादी वैध नहीं मानी जाएगी. पटना हाइकोर्ट के अधिवक्ता रत्नेश कुशवाहा ने इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह शादी मान्य नहीं होगी. साथ ही अगर कोई ऐसा करता है तो कानूनी धाराओं के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

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