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ग़ाज़ीपुर जिले में खुली अनाज बैंक की शाखा, जानिये किसे मिलेगा इसका लाभ

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. घूमकर भीख मांगने वाली बेसहारा महिलाएं और उनके बच्चों को भरपेट भोजन मिल पाए, इसके लिए अनाज बैंक की शाखा सोमवार को शुरू की गई। अनाज बैंक भूख पीड़ितों की मदद के लिए एक संगठित वैज्ञानिक मॉडल के तौर पर खुद को स्थापित करने में कामयाब रहा है। अनाज बैंक की योजना को यूनाइटेड नेशन की संस्था फूड एग्रीकल्चरल ऑर्गेनाइजेशन ने भी सराहा है। अनाज बैंक की स्थापना विशाल भारत संस्थान की ओर से 13 अक्टूबर 2015 को वाराणसी में किया गया था।

अनाज बैंक में दो तरह के खाता धारक हैं। पहले जमा खाताधारक और दूसरे निकासी खताधारक। कोई भी व्यक्ति 5 किलो अनाज, अपना आधार कार्ड, तीन फोटो देकर अपना खाता अनाज बैंक में खुलवा सकता है। एक खाताधारक न्यूनतम 5 किलो और अधिकतम चाहे जितना भी अनाज जमा कर सकता है। जमा करने के बदले में उसे आकर्षक ब्याज मिलेगा। 5 से 10 किलो जमा करने वाले को संतोष, 11 किलो से 30 किलो वाले को दुआ, 31 किलो से 50 किलो जमा करने वालो को पुण्य और इससे अधिक जीवन भर जमा करने वाले को मोक्ष ब्याज के रूप में अनाज बैंक से मिलता है।अनाज बैंक में पैसे का कोई लेन देन नही होता है।

जमा खाताधारकों के लिए अनाज बैंक पासबुक जारी करता है। दूसरे निकासी खाताधारक होते है, जिनका सर्वे के आधार पर खाता खोलकर जरूरत के आधार पर अनाज उपलब्ध कराया जाता है। बैंक की ओर से इन्हें सप्ताह या माह में 5 किलो अनाज वितरित किया जाता है। निकासी खाता खोलने के लिए 3 फोटो, आधार कार्ड और परिचयकर्त्ता की जरूरत होती है। निकासी खाता खोलने में विधवा, तलाकशुदा, 70 वर्षीय वृद्धा, दिव्यांग, घाट पर भीख मांगने वाली महिलाओं, बच्चों को प्राथमिकता दी जाती है।

अनाज बैंक दान नहीं देता, बल्कि भूख पीड़ित परिवार को भोजन के अधिकार की गारंटी देता है। अनाज बैंक निकासी खाताधारकों को भी पासबुक जारी करता है, जिसमें उसको मिलने वाले अनाज की मात्रा, तारीख, लेने वाले का वजन आदि अंकित रहता है। अनाज बैंक भूख पीड़ित परिवार की महिलाओं का ही खाता खोलता है। अनाज बैंक की खासियत है कि यह भूख पीड़ित परिवारों की मदद अनाज उपलब्ध कराकर करता है। सोमवार को गाजीपुर में अनाज बैंक की शाखा खोली गई।इस अवसर पर एसपी ओमवीर सिंह, अनाज बैंक के डिप्टी चेयरमैन ज्ञान प्रकाश के साथ ही जनपद के अन्य समाजसेवी भी मौजूद रहे।

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