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अंसारी बंधु के ऐसे दिन, जो भतीजा कभी देखता था पूरा चुनावी मैनेजमेंट, अब बना रहा दूरी!

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर के पूर्व बसपा सांसद अफजाल अंसारी को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। अफजाल अंसारी के गैंगस्टर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोषसिद्धि पर रोक लगा दी है। परिणामस्वरूप अफजाल अंसारी की सशर्त संसद सदस्यता भी बहाल होने की बात कही जा रही है। इस मसले पर अफजाल अंसारी के भतीजे और मुहम्मददाबाद के सिटिंग एमएलए सुहेब अंसारी मन्नू ने एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत की। हालांकि, मन्नू ने इस घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। अब इस बात के राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।
गाजीपुर की राजनीति पर नजदीक से निगाह रखने वाले बताते हैं कि सुहेब अंसारी मन्नू ने राजनीति का ककहरा अपने चाचा अफजाल अंसारी की सोहबत में रखकर सीखा। अब से पहले अफजाल अंसारी के चुनाव के प्रबंधन के कार्य में मन्नू की सक्रिय भूमिका रहती थी। साल 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान भी मन्नू की बेहद सक्रियता देखी गई। 2022 के विधानसभा चुनाव में मन्नू पहली बार चुनाव लड़े और विधायक बनने में कामयाब हुए।

मीडिया ने उनके चाचा अफजाल अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत पर उनकी प्रतिक्रिया जानने के लिए संपर्क किया तो मन्नू ने इस पर कोई भी टिप्पणी से करने से मना कर दिया। मन्नू ने कहा कि इस मसले पर मीडिया को सीधे अफजाल अंसारी से बातचीत कर उनकी प्रतिक्रिया लेनी चाहिए। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो इसके भी राजनीतिक निहितार्थ निकलते हैं। मन्नू किसी तरह की बयानबाजी कर खुद को अपने दोनों चाचा मुख्तार और अफजाल से सार्वजनिक तौर पर नजदीकियां नहीं दर्शाना चाहते।

दोनों पर इस समय कई आपराधिक मामले विचाराधीन हैं। नजदीकी दिखाकर वह किसी भी कानूनी पचड़े से खुद को दूर रखने की कवायद करते दिख रहे हैं। बयानबाजी के मामले में उनके चचरे भाई अब्बास अंसारी पर पहले ही मऊ में केस दर्ज हैं, जो कोर्ट में विचाराधीन हैं। ऐसे में पहली बार विधायक हुए सुहेब अपने को कानूनी पेचीदगियों से दूर रखना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट में अफजाल को गैंगस्टर ऐक्ट में हुई सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी। 3 जजों की बेंच को सुनवाई करना था।

फैसला 2-1 से अफजाल के पक्ष में आया है। यानी 2 जज सजा पर रोक लगाने के पक्ष में थे। वहीं 1 जज इस निर्णय के खिलाफ थे। न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उज्जवल भुइयां की पीठ ने बहुमत के फैसले में कहा कि उत्तर प्रदेश के गाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व सांसद अंसारी लोकसभा में अपना वोट नहीं डालेंगे और न ही कोई भत्ता प्राप्त कर सकेंगे लेकिन सदन की कार्यवाही में भाग ले सकते हैं। चूंकि अब सजा पर रोक लग गई है तो अब अफजाल का अगला पड़ाव चुनाव आयोग और लोकसभा सचिवालय होगा। यहां से अफजाल की सशर्त संसद सदस्यता बहाल करने की अधिसूचना जारी हो पाएगी।
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