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अफजाल अंसारी को बैठने नहीं दिया, मीटिंग में बोलती बंद की...योगी के मंत्री रहे शुक्ला का बड़ा दावा

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. 9 नवंबर 2005 को बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कर दी गई थी। विधायक राय पर 2005 में हुए हमले में कुल 7 लोग मारे गए थे। हर साल 29 नवंबर को को मारे गए सभी 7 लोगों की स्मृति में मोहम्मदाबाद तहसील पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। बुधवार को इसी कार्यक्रम में योगी सरकार में मंत्री रहे आनंद स्वरूप शुक्ला ने हिस्सा लिया। इस दौरान मंच से उन्होंने मुख्तार अंसारी और उसके बड़े भाई पूर्व सांसद अफजाल अंसारी पर जमकर हमला बोला।
मुहम्मदाबाद तहसील के शहीद पार्क में स्वर्गीय विधायक कृष्णानंद राय की शहादत दिवस में शामिल होने आए पूर्व मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने अंसारी बंधुओं पर जमकर हमला बोला। पूर्व मंत्री शुक्ला ने कहा कि मंत्री रहने के साथ ही वह गाजीपुर के प्रभारी मंत्री हुआ करते थे। अफजाल अंसारी का बिना नाम लिए पूर्व मंत्री शुक्ला ने कहा कि उस समय दुर्भाग्य से एक ऐसा सांसद था, जिसे वह सांसद के रूप में स्वीकार करने को तैयार नहीं थे। जिला योजना की बैठकों में प्रोटोकॉल के तहत सांसद को भी आना था। लेकिन, वह अपने बगल में सांसद की कुर्सी लगना स्वीकार नहीं किए। मीटिंग के दौरान वह तत्कालीन सांसद अफजाल अंसारी को अपने बगल की कुर्सी पर नहीं बैठने दिए।

अफ़ज़ाल अंसारी का नाम लिए बगैर पूर्व मंत्री शुक्ला ने कहा कि उन्होंने यह सुना था कि वह (अफजाल अंसारी) जिस भी बैठक में आता, उसके सामने कोई बोल नहीं पाता है। मंत्री शुक्ला ने बिना नाम लिए अफजाल अंसारी को हत्यारे का बड़ा भाई, बड़ा हत्यारा करार दिया। मंत्री शुक्ला के अनुसार वह (अफजाल अंसारी) अधिकारियों पर रोब जमाता था। मंत्री शुक्ला ने दावा किया कि जिन भी बैठकों में जो लोग भी शामिल रहे होंगे देखे होंगे कि मंत्री शुक्ला ने अफजाल की बोलती बंद कर दी थी। मंत्री शुक्ला ने अंसारियों का नाम लिए बगैर उन्हें बुजदिल और डरपोकों की औलाद करार दिया।

इस दौरान उन्होंने पीएफआई जैसे संगठन पर भी सवाल उठाया। पूर्व मंत्री शुक्ला ने कहा कि पीएफआई का उद्देश्य है की 2045 तक वह भारत को इस्लामिक स्टेट बनाएंगे। पूर्व मंत्री शुक्ला यही नहीं रुके। शुक्ला ने आतंकी संगठनों का उदाहरण देने के क्रम में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर भी हमला बोला। शुक्ला ने कहा कि कि पीएफआई के अलावा लश्कर, सिमी और एक उनसे भी बड़ी आतंकवादी संगठन समाजवादी पार्टी है। उनसे कौन लड़ेगा? आतंकवादियों की सरगना कांग्रेस से कौन लड़ेगा?

उन्होंने आगे कहा कि जब कांग्रेस की पंजाब में सरकार थी और मुख्तार अंसारी वहां की सरकार से सेटिंग कर वहां की जेल में था। उसको यूपी लाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गयी। मुख्तार को यूपी लाने के लिए सैकड़ो बार मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन किया। मुख्तार को पंजाब से उत्तर प्रदेश नहीं भेजना पड़े। इसके लिए हर बार कोई ना कोई बहाना बनाया जाता था।

पूर्व मंत्री शुक्ला के अनुसार गाजीपुर के जिला जेल में जब मुख्तार अंसारी रहता था तो उसके बैरक को एसी सूइट की तरह बनाया गया था। जेल से ही मुख्तार अंसारी समाजवादी पार्टी की पूरी सरकार को चलाता था। जेल में ही मुख्तार लिए तालाब बनाकर मछली पाली गई थी। मुख्तार के खाने के लिए जेल परिसर में ही बकरा और बकरियां भी पाली गई थी।
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