रोडवेज बसों के ऐक्सिडेंट में कमी लाने को उप्र परिवहन विभाग ने शुरू की नई योजना, लाभान्वित होंगे बस चालक
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. परिवहन निगम की बसों में आए दिन घटित हो रही दुर्घटनाओं को कम करने के लिए विभाग ने एक नईं योजना बनाई है। परिवहन विभाग चालकों के लिए 'सुरक्षित चालन प्रोत्साहन योजना' लागू करने की योजना पर काम कर रहा है। विभाग का दावा है कि इससे चालकों में सुरक्षित बस चलाने को लेकर बढ़ावा मिलेगा। इस योजना के तहत एक कैलेंडर वर्ष में निर्धारित शर्तों को पूरा करने के साथ ही दुर्घटना रहित बस चलाने पर ड्राइवर को 10 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के तौर पर दिए जाएंगे।
परिवहन विभाग की ओर से पिछले दिनों इस योजना से जुड़ी जानकारी मीडिया से साझा की गई। विभाग की ओर से बताया गया कि निगम की बस की दुर्घटनाओं के फलस्वरूप एक बड़ी रकम मुआवजा के तौर पर हर वर्ष संबंधित को दी जाती। बस के क्षतिग्रस्त हो जाने से उस रूट पर निगम की बस का संचालन भी प्रभावित होता है। इससे विभाग को राजस्व का नुकसान होता है।
ऐसे में रोडवेज के चालकों को एक्सीडेंट रहित ड्राइविंग के लिए विभाग की ओर से प्रोत्साहित करने की योजना बनाई गई है। इस योजना का लाभ पाने के लिए ड्राइवरों को कुछ शर्तों को पूरा करना होगा। चालकों को इस प्रोत्साहन योजना का लाभ तभी मिलेगा जब एक कैलेंडर वर्ष ( 01 जनवरी से 31 दिसम्बर तक) की अवधि में चालकों ने कम से कम 264 दिन की ड्यूटी की हो। इसके साथ ही 66000 किमी. बस का चलाया हो, वो भी ऐक्सिडेंट रहित।
यदि किसी चालक ने कैलेंडर वर्ष में निर्धारित कार्य दिवस या 66000 बस चलाने की शर्त पूरा नहीं किया हैं। तो उस वर्ष के प्रोत्साहन धनराशि दिए जाने की सूची में उस ड्राइवर का नाम नही शामिल होगा।इसके साथ ही अगर इस दौरान यदि कोई उससे बस चलाते समय दुर्घटना हो जाती है, उस सूरत में भी चालक को प्रोत्साहन योजना का लाभ नही दिया जाएगा। हालांकि, विभाग की ओर से दुर्घटना के स्तर को भी बताया गया है।
परिवहन विभाग ने यह भी साफ किया है कि बस दुर्घटना में अगर किसी की जान जाती है,या इसके साथ किसी के घायल होने की सूरत में एफआईआर दर्ज कराई जाती है। या फिर ऐक्सिडेंट में बस के मरम्मत में 10 हजार से ज्यादा की धनराशि खर्च हुई हो तो उसे ड्राइवर को इस योजना के लाभार्थी के तौर पर योग्य नहीं माना जाएगा।
रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के वाराणसी क्षेत्र के उपमंत्री बृजेश राय ने बताया कि यह विभाग की एक अच्छी पहल है। ड्राइवर का काम बेहद चुनौती पूर्ण है। प्रतिकूल मौसम में भी ड्राइवर यात्रियों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए सतत बस का संचालन करते रहते हैं। लेकिन सड़क हादसों में कई बार ड्राइवरों को भी खुद की जान गंवानी पड़ती है।
प्रोत्साहन राशि से उन्हें बेहतर काम करने के लिए सतत प्रेरित करने का सरकार का लक्ष्य मानव संसाधन विकास को लेकर उठाया गया एक बेहतर और सराहनीय कदम है। राय ने बताया कि वह गाजीपुर डिपो में वर्तमान में वह तैनात है। डिपो में संविदा पर काम करने वाले ड्राइवरों की संख्या ज्यादा है। वह उम्मीद करते हैं कि अगले वर्ष (2024)से लागू होने वाले’सुरक्षित चालन प्रोत्साहन योजना" में उनके डिपो के चालक बड़ी संख्या में इस योजना के लाभार्थी के तौर पर चयनित होंगे।
एआरएम गाजीपुर डिपो बीके पांडेय ने बताया कि पिछले दिनों संविदाकर्मियों को साल में 2 बार निशुल्क पारिवारिक यात्रा पास और 3 पीटीओ (प्रिविलेज ट्रैवल ऑर्डर)दिए जाने का फैसला लिया गया।अब विभाग ने ड्राइवर को कुछ शर्ते पूरी करने पर 10 हजार रुपए तक के प्रोत्साहन राशि दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
इन सब पहल से विभाग बेहतर परिवहन सुविधाओं को देने के लिए अपने कर्मचारियों को प्रोत्साहित कर रहा है। ऐसा करने से कर्मचारी के परफॉर्मेंस में बेहतरी आने की संभावना है। गाजीपुर डिपो में कुल 125 से ज्यादा ड्राइवर है। इनमें संविदा और स्थायी दोनों ही शामिल हैं।