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कब्र से बच्ची का शव निकाल कर उसके साथ सोया हुआ था रफीक, कुछ गलत होने की शंका

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी के रेवड़ी तालाब स्थित कब्रिस्तान की कब्र से पांच वर्षीय बच्ची का शव बाहर निकाल कर उसके साथ कुछ गलत जरूर किया गया था। यह आशंका पोस्टमार्टम करने वाले तीन डॉक्टरों के पैनल और दो फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने जताई है। पुलिस को सलाह दी गई है कि वह डीएनए प्रोफाइलिंग कराएं। उधर, बच्ची के शव को कब्र से बाहर निकालकर कब्रिस्तान में उसके बगल में सोया मिला रेवड़ीतालाब निवासी मोहम्मद रफीक उर्फ छोटू शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।

सदानंद बाजार दशाश्वमेध क्षेत्र की रहने वाली पांच वर्षीय बीमार बच्ची की उपचार के दौरान अस्पताल में बुधवार को मौत हो गई थी। बुधवार रात लगभग 9:30 बजे बच्ची का शव रेवड़ीतालाब क्षेत्र स्थित कब्रिस्तान में दफनाया गया था। बच्ची के पिता गुरुवार की दोपहर अपनी बेटी की कब्र देखने गए थे। कब्र के ऊपर की मिट्टी असामान्य प्रतीत होने पर उन्हें शंका हुई। उन्होंने कब्र को खोदवाया तो उसके अंदर से उनकी बेटी का शव गायब था। 

खोजबीन की तो कब्रिस्तान के एक कोने में उनकी बेटी के शव के साथ मोहम्मद रफीक उर्फ छोटू सोया हुआ था। इस पर उन्होंने अपनी बेटी के शव के साथ अनहोनी की आशंका जताते हुए पुलिस को सूचना दी। सूचना के आधार पर आई लक्सा थाने की पुलिस ने मोहम्मद रफीक उर्फ छोटू को गिरफ्तार कर लिया और बच्ची का शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।

रात 10:30 बजे परिजनों को सौंपा गया शव

जिस बच्ची का शव बुधवार की रात कब्र में दफना दिया गया था, उसे शुक्रवार को शिवपुर स्थित पोस्टमार्टम हाउस ले जाया गया। दोपहर डेढ़ बजे परिजन भी पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए। लिखापढ़ी के बाद पोस्टमार्टम शुरू हुआ और फिर फॉरेंसिक एक्सपर्ट आए। इस लंबी प्रक्रिया के बाद रात 10:30 बजे के लगभग बच्ची का शव परिजनों को सौंपा गया तो वह उसे लेकर कब्रिस्तान के लिए रवाना हुए।

लोग बोले- रफीक को मिले मौत की सजा

रफीक की करतूत की जानकारी पाकर रेवड़ीतालाब और उसके आसपास के इलाके के लोग अवाक रह गए। सुबह से ही कब्रिस्तान के इर्द-गिर्द लोगों का जमावड़ा लगा हुआ था। बुजुर्ग इकबाल अहमद ने कहा कि हमने अपने जीवन में न ऐसी घटना सुनी थी और न देखी थी। गिरफ्तार किए गए रफीक को मौत की सजा मिलनी चाहिए। वह इंसानियत के नाम पर कलंक है और उसे जिंदा रहने का कोई हक नहीं है। शकील अनवर ने कहा कि हम सभी पुलिस-प्रशासन से यही मांग करते हैं कि रफीक को कड़ी से कड़ी सजा मिले।

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