छुट्टा जानवरों से अब निजात, इस तारीख के बाद सड़कों पर नहीं दिखेंगे, CM योगी के निर्देश पर अभियान शुरू
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. यूपी में छुट्टा जानवरों के कारण लगातार हो रहे हादसे यूपी की सरकार के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। किसान भी इनके कारण परेशान हैं। विपक्षी दल खासकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव लगातार इसे लेकर हमले करते रहते हैं। अब इनसे निजात को लेकर अभियान शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में निराश्रित गौवंश के संरक्षण का दो महीने का अभियान बुधवार को शुरू किया गया।
इस अभियान के बाद जिलाधिकारियों से निराश्रित गौवंश को संरक्षित करने का प्रमाण-पत्र लिया जाएगा। अभियान में संबंधित ग्राम प्रधानों, ब्लाक प्रमुखों और सभासदों का भी सहयोग लिया जाएगा। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि 31 दिसम्बर के बाद एक भी निराश्रित गोवंश सड़क पर नहीं दिखना चाहिए। इसके लिए नगरीय क्षेत्र में अपर नगर आयुक्त अथवा अधिशासी अधिकारी तथा ग्रामीण क्षेत्र में एसडीएम को नोडल अधिकारी नामित किया जाए।
बुधवार को चिनहट स्थित शेख सरायं में इस अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर अपर मुख्य सचिव पशुधन डा.रजनीश दुबे, लखनऊ के जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार, नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह और मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन उपस्थित थे। सबसे पहले शेख सरायं में 7.50 एकड़ जमीन पर नगर निगम द्वारा प्रस्तावित नंदीशाला का निरीक्षण किया गया। यहां इस समय दो शेड बने हैं। इनका विस्तार करते हुए 200 नंदियों के लिए आधुनिक शेड के साथ केयर टेकर कक्ष, भूसा गोदाम, बोरिंग, सोलर लाइट की व्यवस्था और वर्मी कम्पोस्ट का इंतजाम करवाया जाएगा। एक महीने के भीतर यह केन्द्र चालू कर दिया जाएगा।
इसके बाद चिनहट की ग्राम पंचायत पपनामऊ में 15 एकड़ जमीन इस समय बने हुए अस्थायी गोआश्रय स्थल का निरीक्षण किया गया। दो ट्रक निराश्रित गौवंश को मौके पर ही संरक्षित करवाया गया। इस गौआश्रय स्थल को आधुनिक गौ आश्रयस्थल के रूप में विकसित करवाते हुए यहां सीसी फर्श का निर्माण करवाया जाएगा। भूसा गोदाम और कार्यालय भी बनवाया जाएगा, साथ ही चारागाह का विकास होगा।
लखनऊ में जिन ग्राम पंचायतों में निराश्रित गौ आश्रय स्थल स्थापित हैं, उनके करीब की सात ग्राम पंचायतों में राज्य वित्त आयोग की धनराशि की पूलिंग करते हुए गौ आश्रय स्थलों की व्यवस्था को एक सप्ताह में सुधारने के निर्देश दिए गए।
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि बुधवार से शुरू हुए दो माह के निराश्रित गोवंश संरक्षण अभियान प्रभावी तरीके से चलाया जाए। 31 दिसम्बर, 2023 के बाद एक भी निराश्रित गोवंश सड़क पर नहीं दिखना चाहिए। इसके लिए नगरीय क्षेत्र में अपर नगर आयुक्त अथवा अधिशासी अधिकारी तथा ग्रामीण क्षेत्र में एसडीएम को नोडल अधिकारी नामित किया जाए।
मुख्य सचिव ने बुधवार को डीएम व कमिश्नर के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आगामी सात से नौ नवम्बर तक भ्रमण कर अभियान की प्रगति समीक्षा की जाएगी। गोबर पेंट का उपयोग शासकीय भवनों की रंगाई-पुताई में किया जाए। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना की महिला लाभार्थियों को दीपावली व होली से पूर्व एक-एक निःशुल्क सिलेण्डर देने का निर्णय लिया गया है।
प्रदेश में लगभग एक करोड़ 75 लाख लाभार्थियों में से 54 लाख लाभार्थियों का डाटा आधार सत्यापित है। प्रचार-प्रसार कर अवशेष लाभार्थियों का भी आधार सत्यापन कराया जाए। गैस एजेन्सी में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिए समुचित प्रबंध किए जाएं। आधार सत्यापन के क्रम में राशि उनके आधार प्रमाणित बैंक खाते में भेज दी जाएगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति वाले जिलों पर प्रभावी कदम उठाए जाएं। संवेदनशील जनपदों में विशेष रूप से सतर्कता बरती जाए। वायु प्रदूषण के नियंत्रण और वायु गुणवत्ता के सुधार के लिए कार्ययोजना बनाकर उसे अमल में लाया जाए। वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए उपलब्ध संसाधनों यथा एयर स्मोग गन, वाटर स्प्रिंकलर आदि का उपयोग के साथ इनफोर्समेंट की भी कार्रवाई करें। पराली प्रबंधन के लिए जिन एफपीओ को सब्सिडी पर कृषि यंत्रों की खरीद की स्वीकृति प्रदान की गई है, उनका क्रय समय से हो जाए और कृषि यंत्रों का अधिक से अधिक उपयोग हो।
पीएम विश्वकर्मा योजना की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि लाभार्थियों को प्रशिक्षण के साथ आवश्यक टूल किट क्रय करने के लिए 15,000 रुपये का ई-वाउचर प्रदान किया जायेगा और उन्हें सब्सिडाइज ऋण की भी सुविधा मिलेगी।
बैठक में बताया गया कि 45 दिन में करीब 7.5 लाख राजस्व वादों का निस्तारण किया गया है। सर्वाधिक वादों का निस्तारण लखनऊ, बलिया, प्रयागराज, गोरखपुर व गोंडा में हुआ है। इसी प्रकार 45 दिनों में पैमाईश के 47,115 प्रकरण, नामान्तरण के 4,79,238, कुर्रा-बटवारा के 22,680 प्रकरणों का निस्तारण किया गया है।