ग़ाज़ीपुर जिले में राइस मिल संचालकों को डायनामिक ब्लेंडर लगवाना अनिवार्य, जानिए क्या होता है फोर्टिफाइड चावल
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, ग़ाज़ीपुर. ग़ाज़ीपुर जिले में धान की खरीदारी के लिए सरकारी क्रय केंद्र एक नवंबर से खुल गए हैं। विपणन विभाग ने धान की खरीद होने के बाद चावल बनाने के लिए राइस मिलर्स के लिए एक नई शर्त को लागू किया है। उन राइस मिल संचालकों को ही राइस मिलेगा, जिनके प्लांट में बीआईएस मानक का डायनमिक ब्लेंडर लगा होगा। संबंधित विभाग ने राइस मिल संचालकों के लिए ब्लेंडर लगवाने की अनिवार्य शर्त लागू कर दी है। खास मानक का ब्लेंडर नहीं लगवाने वाली मिलों को फोर्टिफाइड चावल बनाने के काम में शामिल नहीं करने का फैसला लिया गया।
इस कारण जरूरी है फोर्टिफाइड चावल
जिला विपणन अधिकारी अनुराग पाण्डेय ने बताया कि फोर्टिफिकेशन का मतलब टेक्नोलॉजी के माध्यम से खाने में विटामिन और खनिज के स्तर को बढ़ाना है, जिससे आहार में पोषक तत्वों की कमी को दूर किया जा सके। इसमें चावल में खास विधि से आयरन, जिंक, फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 का मिश्रण किया जाता है। टॉकिंग विटामिन और अन्य पोषक तत्वों की कमी फोर्टिफाइड चावल के खाने से दूर किया जा सके। फोर्टिफाइड चावल का इस्तेमाल उचित दर दुकानों पर वितरण, एनएसएसए और आईसीडीएस, मिड-डे-मील आदि योजनाओं में किया जाता है।
यह है फोर्टिफाइड चावल बनाने की प्रक्रिया
फोर्टिफाइड चावल बनाने के लिए सबसे पहले सामान्य चावल का पाउडर बनाया जाता है। उसमें सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे विटामिन बी-12, फोलिक एसिड और आयरन एफएफएफएसआई के मानकों के अनुसार मिलाए जाते हैं। एक्सट्रेडर मशीन से चावल के दानों या एफआरके के एक दाने को सामान्य चावल के 100 दानों के अनुपात में मिलाया जाता है। इसके बाद डायनेमिक ब्लेंडर की मदद से इसे मिलाया जाता है। इस प्रक्रिया को अपनाकर फोर्टिफाइड चावल मिलों की ओर से तैयार किया जाता है।
नहीं है डायनामिक ब्लेंडर तो राइस मिलर्स को धान नहीं
इस बाबत ग़ाज़ीपुर जिला विपणन अधिकारी अनुराग पाण्डेय ने राइस मिल संचालकों को पत्र जारी कर निर्देशित किया है। पांडेय के अनुसार धान की खरीद के बाद उन राइस मिलर्स को चावल बनाने के लिए नहीं मिलेगा, अगर उनके राइस प्लांट में डायनमिक ब्लेंडर की व्यवस्था नहीं है। जिला विपणन अधिकारी पाण्डेय ने यह भी बताया कि फोर्टिफाइड चावल ही मिलर्स को देना होगा। विभाग की ओर से फोर्टिफाइड चावल के उपयोग को लेकर भ्रांतियों को दूर करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।