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शस्‍त्र लाइसेंस फजीवाड़े में हाई कोर्ट ने अब्बास अंसारी को नहीं दी बेल

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और MLA अब्बास अंसारी की शस्त्र लाइसेंस में फर्जीवाड़ा करने के मामले में जमानत अर्जी सोमवार को खारिज कर दी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अब्बास के पास से हजारों की मात्रा में कारतूस बरामद किए गए, जो मेटल के थे। ऐसे कारतूस स्पोर्ट्स शूटिंग में प्रतिबंधित हैं। कोर्ट यह भी टिप्पणी की कि अभियुक्त ने एक जनप्रतिनिधि होने के बावजूद ऐसा कृत्य किया है, जो एक गंभीर विषय है।

यह आदेश जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की बेंच ने अब्बास की ज़मानत अर्जी पर पारित किया। अर्जी में कहा गया था कि अब्बास के पास बरामद हथियार को रखने का लाइसेंस था। चूंकि वह स्पोर्ट्स शूटर है, लिहाजा उसे एक लाइसेंस पर तीन असलहे रखने का अधिकार है। यह भी दलील दी गई कि शस्त्र लाइसेंस के दिल्ली में स्थानांतरित होने के संबंध में वहां के अधिकारियों द्वारा लखनऊ के डीएम से पत्राचार किया गया था। लिहाजा, यह नहीं कहा जा सकता कि अभियुक्त ने शस्त्र लाइसेंस के स्थानांतरण की बात छिपाई।

अब्बास के पास बरामद हथियार को रखने का लाइसेंस था। चूंकि वह स्पोर्ट्स शूटर है, लिहाजा उसे एक लाइसेंस पर तीन असलहे रखने का अधिकार है।-अब्‍बास अंसारी की अर्जी

आठ असलहे और 4 हजार कारतूस बरामद किए गए

अर्जी का विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से दलील दी गई कि अभियुक्त के पास से आठ असलहे और चार हजार से ज्यादा कारतूस बरामद किए गए। बरामद असलहों और कारतूसों का स्पोर्ट्स शूटिंग में प्रयोग नहीं किया जा सकता था। इन असलहों को खरीदने के लिए एक ही लाइसेंस की दो यूआईडी का इस्तेमाल किया गया और अब्बास का आपराधिक इतिहास भी है।

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