अफजाल अंसारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बहस पूरी, फैसला सुरक्षित
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. गैंगस्टर एक्ट मामले में पूर्व सांसद अफजाल अंसारी द्वारा अपनी दोष सिद्ध पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा। जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने अफ़ज़ाल अंसारी की याचिका पर सुनवाई किया। यूपी सरकार ने अफ़ज़ाल अंसारी की याचिका का विरोध किया।
यूपी सरकार ने कहा कि गंभीर आपराधिक मामले में अफ़ज़ाल अंसारी को दोषी करार दिया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि दोषसिद्धि पर ऐसे ही रोक नहीं लगा सकती है, इसके लिए कोई खास वजह होनी चहिए। अफ़ज़ाल अंसारी के वकील ने कहा कि अफ़ज़ाल अंसारी सात बार चुनाव जीते हैं।
अफ़ज़ाल अंसारी के वकील ने कहा कि आज मौजूदा समय मे सभी मौजूदा MP/MLA के साथ इसी तरह की स्तिथि है। अफ़ज़ाल अंसारी के वकील ने कहा कि FIR में अफ़ज़ाल अंसारी का नाम नही था, उच्च अधिकरियों के कहने पर अफ़ज़ाल अंसारी का नाम FIR में जोड़ा गया और उसी दिन गैगस्टर ऐक्ट भी लगाया गया। यूपी सरकार ने कहा कि अफ़ज़ाल अंसारी के वकील लोकसभा सीट होने की दलील नहीं दे सकते हैं।
यूपी सरकार ने कहा कि गैंस्टर मामले में अफ़ज़ाल अंसारी की दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाई जा सकती है, अफ़ज़ाल अंसारी के खिलाफ अभी कई मामले लंबित हैं। यूपी सरकार ने कहा कि अफ़ज़ाल अंसारी के खिलाफ तीन से चार मामले अभी लंबित है, सिर्फ गैगस्टर मामले में अफ़ज़ाल को सज़ा हुई है। यूपी सरकार ने कहा कि अगर अफ़ज़ाल की दोषसिद्धि पर रोक लगाई जाती है तो उससे कानून व्यवस्था की भी बात आ सकती है, समाज पर इसका समाज पर गलत असर पड़ेगा।
यूपी सरकार ने कहा कि अफ़ज़ाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट मामले में दोषी करार दिया गया है, उनमें नियुनतम सज़ा का प्रावधान 2 साल और अधिकतम 10 साल की सज़ा का प्रवधान है। यूपी सरकार ने कहा कि राहुल गांधी के मामले में अधिकतम सज़ा दो साल ही थी, ऐसे में उस आदेश का हावला नहीं दिया जा सकता है।
यूपी सरकार ने कहा कि कानून के अनुसार विधायक, सांसद और आम आदमी सब बराबर है, कानून सबके लिए बराबर है। यूपी सरकार ने कहा कि अगर अफ़ज़ाल की दोषसिद्धि पर रोक लगाई जाती है तो उससे समाज पर भी असर पड़ेगा।