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क्यों नाराज हैं अखिलेश यादव? विपक्षी गठबंधन में क्यों मचा हुआ है बवाल? जानें इन-साइड स्टोरी

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस' (INDIA) दलों के बीच आपसी कलह का दौर तेज होता जा रहा है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस, सपा, आप, टीएमसी के बीच तनातनी का माहौल है। सपा बनाम कांग्रेस और कांग्रेस बनाम आम आदमी पार्टी की लड़ाई खुलकर सामने आ गई है। आपको अखिलेश यादव की नाराजगी की इन-साइड स्टोरी समझाते हैं।

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को लेकर जो गफलत हुई है, उसके बाद दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच तकरार फिर सामने आ‌ सकती है। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव और यूपी इकाई की दिग्विजय सिंह के माध्यम से ये चर्चा हुई थी कि 6 सीटों पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार उतारे जाने हैं। अखिलेश चाहते थे कि 6 सीटों पर कांग्रेस अपने सिंबल पर उम्मीदवार ना उतारे, चाहें तो कांग्रेस के ही नेता उन सीटों पर सपा के सिंबल से चुनाव लड़ लें।

जब कमलनाथ को इसकी जानकारी मिली तो वो इसके लिए राजी नहीं हुए और समाजवादी पार्टी ने आखिरकार अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए। कमलनाथ का कहना था कि लोकल लीडर इसके लिए तैयार नहीं हैं। हालांकि अब कांग्रेस आला कमान इस मामले में डैमेज कंट्रोल करना चाहता है, क्योंकि चंबल ग्वालियर और विंध्य क्षेत्र में समाजवादी पार्टी का ठीक-ठाक प्रभाव है और अगर उत्तर प्रदेश के सीमा से लगे क्षेत्रों में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के हिसाब से प्रत्याशी नहीं उतारे तो बीजेपी को इसका सीधा लाभ मिलेगा।

बीते चुनाव (2018) की बात करें तो कांग्रेस के वोट शेयर में काफी बढ़ोतरी हुई थी। 2013 में कांग्रेस का वोट शेयर 36.3% था, जबकि भाजपा का 44.8 % था। वहीं साल 2018 में बीजेपी का वो शेयर 41.02 था, जबकि कांग्रेस का 40.8 फीसदी था। अगर समाजवादी पार्टी और अन्य क्षेत्रीय दल कांग्रेस के खिलाफ हुए तो इस वोट शेयर में कमी आएगी और कांग्रेस के लिए बहुत नुकसान देखा जा सकता है।

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