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मुख्तार अंसारी के करीबी संदीप सिंह पर कसता शिकंजा, शस्त्र लाइसेंस होगा निरस्त

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. मुख्तार अंसारी के करीबी अयोध्या विधायक अभय सिंह के साले का एक शस्त्र लाइसेंस निरस्त होगा। इस संबंध में एडीएम टीजी कोर्ट में प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बुधवार को कोर्ट से नौ नवम्बर की तारीख दी गई है। यह लाइसेंस अयोध्या से बनाया गया था। इसके बाद इसे लखनऊ ट्रांसफर करा लिया गया था। 

शस्त्र की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है। अयोध्या से बने इस लाइसेंस में पुलिस रिपोर्ट में एक भी आपराधिक मुकदमे का जिक्र नहीं है। इसे छिपा लिया गया है।

एसटीएफ लाइसेंस फर्जीवाड़े में पहले ही मुकदम दर्ज कर चुकी है। वही, चार महीने बीत जाने के बावजूद कलेक्ट्रेट में संदीप सिंह के दूसरे शस्त्र लाइसेंस की फाइल नहीं मिली। इस लाइसेंस को फर्जी तरीके से नागालैंड में वर्ष 2004 को बनाया गया, फिर लखनऊ ट्रांसफर कर दिया गया। अब यह तय हो गया है कि फाइल कलेक्ट्रेट से ही गायब कर दी गई है। मई से अब तक शस्त्र अनुभाग से लेकर रिकॉर्ड कक्ष तक की फाइलें खंगाली गईं। महीनों चली इस कवायद के बावजूद भी संदीप सिंह के नगालैंड में बने लाइसेंस की फाइल का एक कागज तक हाथ नहीं आया।

प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि हाल ही में अयोध्या में बने शस्त्र लाइसेंस की फाइल मिल गई थी। इसके बाद इस लाइसेंस के निरस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई। एसटीएफ ने खुलासा किया था कि संदीप सिंह का शस्त्र लाइसेंस फर्जी तरीके से बना है। इसे लखनऊ में मुख्तार अंसारी के पते पर ट्रांसफर कराय गया। इस संबंध में एसटीएफ पूर्व में गोमती नगर के विभूतिखंड थने में एफआईआर दर्ज करा चुकी है। एसटीएफ के अनुसार मुख्तार अंसारी गिरोह का नेटवर्क नगालैंड में था। इसके जरिए कई शस्त्र लाइसेंस बनवाए गए थे।

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