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Ghazipur News: अब खेतों में पराली जलाई तो...जुर्माना तो लगेगा ही, PM किसान सम्मान निधि भी नहीं मिलेगी

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. खेतों में फसल के अवशेष (पराली) जलाने वाले किसानों को खेतों में पराली जलाने पर जुर्माना झेलना होगा। हालांकि कृषि विभाग किसानों को मुफ्त डीकम्पोजर और मिट्टी में ही पराली पलटने की मशीनों पर भारी सब्सिडी देकर उन्हें पराली नहीं जलाने को लेकर जागरुक कर रहा है। वहीं कृषि विभाग ने यह भी तय किया है कि खेतों में पराली जलाने वाले किसानों को किसान सम्मन निधि का लाभ नहीं दिया जाएगा।

उपनिदेशक कृषि अतिंद्र सिंह ने बताया कि शासन की ओर से खेतों में अवशेष पराली जलाने वाले किसानों को जुर्माना से दंडित किए जाने का प्रावधान है। 2 एकड़ या उससे कम के क्षेत्रफल वाले किसानों को खेतों में पराली जलाने के लिए ढाई हजार रुपए तक की पेनल्टी ली जाएगी। वहीं 2 से 5 एकड़ भूमि वाले किसानों को पराली जलाते पकड़े जाने पर 5 हजार के जुर्माने का प्रावधान है। 5 से अधिक एकड़ क्षेत्रफल वाले किसानों पर 15 हजार जुर्माना लगाया जा सकता है।

उपनिदेशक सिंह ने अभी बताया कि एनजीटी के नियमों के अनुसार खेतों में पराली जलाना गैरकानूनी है। विभाग की ओर से जनपद में 25 हजार डीकम्पोजर किसानों के बीच वितरित किए जाने के लिए उपलब्ध है। किसान अपनी सुविधा अनुसार विभाग से संपर्क कर बिना किसी भुगतान के डीकम्पोजर ले सकते हैं।

इसके साथ ही साथ पराली को मिट्टी में पलट देने वाले यंत्रों पर भी विभाग की ओर से भारी सब्सिडी दी जा रही है। किसानों को ऐसे यंत्र खरीदने पर 50 फीसदी तक की सब्सिडी उपलब्ध है। वहीं एफपीओ के माध्यम से अगर इस तरह के उपकरण की खरीददारी की जाती है तो 80 फीसदी तक की रियायत मिलना संभव है।

उपनिदेशक कृषि सिंह ने यह भी बताया कि अगर किसान अपने खेतों में पराली जलाते हुए बार-बार पाए जाते हैं तो, किसान सम्मान निधि से वंचित होना पड़ेगा। कृषि विभाग ऐसे किसानों को चिन्हित कर उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी कर सकता है।

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