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जानिए कौन थे गाजीपुर के रिटायर्ड टीचर कपिलदेव सिंह, जिनके हत्या में मुख्तार पर चल रहा गैंगस्टर केस

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. बहुचर्चित कपिलदेव सिंह हत्याकांड 2009 में हुआ था।इस हत्याकांड को जोड़ते हुए मुख्तार अंसारी पर साल 2010 में गैंगेस्टर ऐक्ट के तहत मुकदमा कायम किया गया था। इस मामले में 27 अक्टूबर को एमपी-एमएलए कोर्ट फैसला सुना सकती है। आपको बताते हैं कि कौन थे कपिल देव सिंह, जिनकी हत्या के करीब 12-13 साल बाद मुख्तार पर फैसला आना बाकी है। हालांकि इस मामले के मूल केस में मुख्तार को बरी किया जा चुका है। फैसला गैंगस्टर ऐक्ट से जुड़े होने से संबंधित है।

उस दौर के एक क्राइम रिपोर्टर ने नाम नहीं छापने के शर्त पर कपिल देव सिंह और उनकी हत्या से जुड़ी अहम जानकारी साझा किया। करंडा थाना क्षेत्र के सुआपुर गांव के रहने वाले कपिलदेव सिंह एक शिक्षक थे। अपने सरल स्वाभाव के कारण वह आम लोगों के बीच खासे प्रसिद्ध थे। रिटायर्ड होने के बाद वह गांव में ही रहते थे।

अपराध जगत से जुड़े सूत्रों का हवाला देते हुए क्राइम रिपोर्टर ने बताया कि साल 2009 में सुवापुर गांव के रहने वाले एक आपराधिक छवि के व्यक्ति के घर पर कुर्की की कार्रवाई हुई। जिसमें पुलिस ने कुर्की के दौरान घर में मौजूद सामानों की लिस्ट बनाने के लिए कपिलदेव सिंह को ही मौके पर बुलाया था। उन्होंने पुलिस के कहने पर जब्त किए गए सामानों की लिस्ट बनाई थी।

सूत्रों के अनुसार उक्त अपराधी को यह लगा कि कपिलदेव सिंह उसकी मुखबिरी करने के साथ ही पुलिस से मिले हुए है। ऐसी स्थिति में उनकी हत्या हुई। मुख्तार के वकील लियाकत अली के अनुसार इस हत्या के दौरान मुख्तार जेल में बंद था। इस हत्या के मामले में विवेचना अधिकारी ने विवेचना में दौर एफआईआर में मुख्तार का नाम जोड़ा था। इस हत्या के मूल केस में मुख्तार पहले ही बरी हो गया है। अब इस हत्याकांड और मीर हसन के हत्या के प्रयास के मामले को जोड़ते हुए मुख्तार पर चल रहे गैंगस्टर ऐक्ट के मामले में 27 अक्टूबर को फैसला संभावित है।

इसी मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुख्तार अंसारी पर केस बना हुआ है। जिसकी सुनवाई अदालत में चल रही है। कपिलदेव सिंह की हत्या हुई उस वक्त बसपा की सरकार प्रदेश में थी। लंबे समय से यह केस कोर्ट में चल रहा है। अब इसकी सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा है जिसके चलते यह केस आजकल चर्चा में बना हुआ है। हालांकि कपिलदेव सिंह का अपराध जगत से कोई ताल्कुकात तक नहीं था।

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