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गाजीपुर में शराब पिलाकर बिपाशा की काटी चोटी, ट्रिमर से बनाया टकला

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सैदपुर कोतवाली में क्षेत्राधिकार की लड़ाई को लेकर, स्थानिक किन्नरों और एक नेपाली किन्नर के बीच झगड़े का मामला पहुंचा। जहां नेपाली किन्नर ने अज्ञात स्थानीय किन्नरों पर शराब पिलाकर, जबरदस्ती चोटी काटने और ट्रिमर से सर मुड़ने का आरोप लगाया। थाने में सैदपुर किन्नर अध्यक्ष काजल की मौजूदगी में किन्नरों के इस झगड़े और मारपीट के मामले में सुलह समझौते की पंचायत होती रही।

गौर तलब है कि सैदपुर के खानपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बिहारीगंज डगरा के पास रहकर एक किन्नर बिपाशा, वहीं के रहने वाले नट समुदाय के कुछ लोगों के साथ आसपास के क्षेत्र में लोगों के घर शुभ अवसर पर नाच गाकर पैसे मांगा करती हैं। जिसे लेकर किन्नर संगठन से उस क्षेत्र की हेड किन्नर ज्योति, उसके चेलों और बिपाशा के बीच बीते कई दिनों से विवाद चल रहा था। जिसे लेकर दोनों में कई बार वाद विवाद, हल्की मारपीट आदि झगड़े हो रहे थे। किन्नर संगठन के सैदपुर अध्यक्ष काजल किन्नर ने कई बार दोनों का समझौता कराया कि दोनों साथ मिलकर काम करें। लेकिन एक दिन पूर्व कुछ किन्नरों ने बिपाशा का सर मूड़कर उसे टकला बना दिया।

शराब पिलाकर बिपाशा की काटी चोटी, ट्रिमर से बनाया टकला

पीड़ित किन्नर बिपाशा ने बताया कि एक दिन पूर्व कुछ अज्ञात किन्नर मुझे शराब पीते वक्त मिले। इस दौरान बातचीत के बीच उन्होंने मुझे ज्यादा शराब पिला दी। इसके बाद मुझे फोर व्हीलर वाहन में बैठाकर सैदपुर भीमापार मार्ग पर ले गये। जहां रास्ते में उन्होंने मेरी चोटी काटी और ट्रिमर से मेरा सर मूड़कर टकला बना दिया। ताकि मैं कहीं नाच-गा कर, कमा-खा ना सकूं। टकला बनाकर इन लोगों ने मुझे बदसूरत और लाचार बना दिया है। अब मुझे मुंह बांधकर और सर ढ़क कर आना जाना पड़ रहा है।

पीड़ित किन्नर बिपाशा 

नेपाली किन्नर गैर किन्नरों के साथ मिलकर, कर रही थी नाच गाना

मामले में सैदपुर किन्नर संगठन के अध्यक्ष काजल किन्नर ने बताया कि बिपाशा नेपाली किन्नर हैं। सैदपुर का किन्नर संगठन वर्षों पुरानी चेला परंपरा पर आधारित है। हमारे संगठन में वरिष्ठता और चुनाव के माध्यम से सभी के अलग-अलग क्षेत्र बांटे जाते हैं। इसमें कोई गैर किन्नर बिरादरी का नहीं है। नए किन्नरों को इन्हीं के साथ जुड़कर काम करना होता है। नेपाली किन्नर बिपाशा बिहारीगंज डगरा निवासी नट इस्लाम, अब्बास के साथ मिलकर अवैध तरीके से हमारे क्षेत्र में काम कर रही थी। इसी को लेकर विवाद चल रहा था।

दोनों पक्षों ने थाने में किया समझौता, नेपाली किन्नर को मिला मांगने खाने का अधिकार

मामले की जांच कर रहे दरोगा हैदर अली मंसूरी ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच आपस में यह सुलह समझौता हो गया है कि किन्नर बिपाशा स्थानीय ढोलक, हारमोनियम बजाने और नाचने वाले किन्नरों को साथ लेकर, अपने क्षेत्र में काम कर सकतीं हैं। लेकिन वह अपने साथ गैर किन्नर बिरादरी के किसी भी महिला या पुरुष को शामिल नहीं करेंगी। उपरोक्त शर्तों के साथ दोनों पक्षों ने थाने में लिखित समझौता पत्र देकर, मामले में आगे कोई कार्रवाई न करने की मांग किया है।

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