तीन बीघा जमीन के लालच में ढाई साल के मासूम की हत्या, भतीजे को कुएं में फेंकते हुए नहीं कांपे चाचा के हाथ
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी के पिंडरा रायतारा गांव में ढाई वर्ष के मासूम का अपहरण कर उसे पुराने कुएं में फेंक कर हत्या कर दी गई। वारदात की वजह मासूम बच्चे के चाचा का लगभग तीन बीघा जमीन का लालच बताया गया है। फूलपुर थाने की पुलिस ने आरोपी चाचा को गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर मासूम का शव बरामद किया।
मासूम का शव कुएं में मिला |
शुक्रवार को शव का पोस्टमार्टम करा कर आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार कुएं के पानी में डूबने की वजह से मासूम की मौत हुई है। मासूम के पिता भैयालाल की मौत बीते सात अक्तूबर को बीमारी की वजह से हो गई थी।
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी |
एक बेटी का पिता है आरोपी
सरकारी वाहन चालक के पद से सेवानिवृत्त किशोरी लाल फूलपुर थाना के पिंडरा रायतारा गांव की अनुसूचित बस्ती में रहते हैं। किशोरी लाल के साथ उनके दिवंगत बड़े बेटे भैयालाल की पत्नी निशा देवी व दो वर्ष छह माह का पोता कृष्ण कुमार और छोटा बेटा बाबूलाल अपनी पत्नी व बेटी के साथ रहता था। किशोरी लाल के अनुसार, बुधवार की रात उनका पोता कृष्ण कुमार उन्हीं के पास सोया था।
गुरुवार अलसुबह वह शौचालय गए और लौट कर आए तो पोता कृष्ण बिस्तर से गायब था। काफी खोजबीन के बाद भी कुछ पता नहीं लगा तो उन्होंने फूलपुर थाने की पुलिस को सूचना दी। फूलपुर थाने की पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर खोजबीन शुरू की। इस संबंध में वरुणा जोन प्रबल प्रताप सिंह ने बताया कि थानाध्यक्ष फूलपुर दीपक कुमार राणावत ने जांच शुरू की तो सामने आया कि अपने पिता की संपत्ति को लेकर बाबूलाल के मन में लालच था और वह उनसे अक्सर विवाद भी करता रहता था।
फूलपुर थानाध्यक्ष और उनकी टीम को 10 हजार रुपये का पुरस्कार
बुधवार को भी वह अपने पिता से जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद किया था। अपने मासूम भतीजे के प्रति भी उसका व्यवहार बहुत अच्छा नहीं रहता था। इसी आधार पर फूलपुर थानाध्यक्ष ने दरोगा संग्राम सिंह व अतुल त्रिपाठी और सर्विलांस टीम के दरोगा आदित्य कुमार मिश्रा के साथ जांच करने के बाद बाबूलाल को पकड़ा। बाबूलाल से कड़ाई से पूछताछ शुरू की गई तो वारदात की गुत्थी परत दर परत सुलझती चली गई। डीसीपी गोमती जोन ने घटना के त्वरित खुलासे के लिए फूलपुर थानाध्यक्ष और उनकी टीम को 10 हजार रुपये के पुरस्कार से पुरस्कृत किया।