बनारस कोलकाता एक्सप्रेसवे पर 100 किमी प्रति घंटा होगी वाहनों की रफ्तार; बनेंगे 32 पुल, 6 फ्लाईओवर - Banaras Kolkata Expressway
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. Banaras Kolkata Expressway ( बनारस कोलकाता एक्सप्रेसवे ): बनारस से कोलकाता का सफर अब आसान होगा। बनारस-रांची-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण नवंबर से शुरू होगा। 692 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने सर्वे रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया है।
Banaras Kolkata Expressway ( बनारस कोलकाता एक्सप्रेसवे ) |
एनकेएस प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड गुड़गांव और पीएनसी इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड आगरा को निर्माण एजेंसी नियुक्त किया गया है। दोनों कंपनियों से अनुबंध प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। Banaras Kolkata Expressway ( बनारस कोलकाता एक्सप्रेसवे ) निर्माण एजेंसियों को चंदौली, कैमूर और रोहतास में 90 किलोमीटर सिक्स लेन कार्य करना होगा। चार बड़े व 28 छोटे पुल बनाए जाएंगे। छह फ्लाईओवर, 44 अंडरपास व माइनर ब्रिज, छह इंटरचेंज और तीन टोल प्लाजा बनाने के लिए स्थान चिह्नित किया गया है।
तीन पैकेज में करीब 2998 करोड़ लागत से परियोजना दो वर्ष में पूरी करनी होगी। चंदौली के रेवासा गांव से प्रोजेक्ट शुरू होगा, जो रोहतास के कोनकी गांव में खत्म होगा। बजट स्वीकृत हो चुका है। तीन जिलों के 89 गांवों में करीब 338 करोड़ रुपये से जमीन अधिग्रहण हुआ है।
Banaras Kolkata Expressway ( बनारस कोलकाता एक्सप्रेसवे ): चंदौली के रेवासा से शिहोरिया कैमूर तक
27 किलोमीटर लंबाई
994 करोड़ लागत
193 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित
Banaras Kolkata Expressway ( बनारस कोलकाता एक्सप्रेसवे ) कैमूर के शिहोरिया से शिवगांव भभुआ तक
27 किलोमीटर लंबाई
891 करोड़ लागत
321 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित
Banaras Kolkata Expressway ( बनारस कोलकाता एक्सप्रेसवे ) कैमूर के शिवगांव से कोनकी रोहतास तक
36 किलोमीटर लंबाई
1113 करोड़ लागत
178 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित
Banaras Kolkata Expressway ( बनारस कोलकाता एक्सप्रेसवे ) पर 100 किमी प्रति घंटा होगी वाहनों की रफ्तार
Banaras Kolkata Expressway ( बनारस कोलकाता एक्सप्रेसवे ) उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से गुजरेगा। कुल परियोजना 610 किलोमीटर लंबी होगी। परियोजना भारतमाला योजना का हिस्सा है। Banaras Kolkata Expressway ( बनारस कोलकाता एक्सप्रेसवे ) पर वाहनों की औसत रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। करीब छह घंटे में बनारस से कोलकाता तक दूरी तय की जा सकेगी। Banaras Kolkata Expressway ( बनारस कोलकाता एक्सप्रेसवे ) पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग दो के समानांतर बनेगा। कैमूर में पांच किलोमीटर लंबा टनल भी बनेगा। यूपी में करीब 22 किलोमीटर कार्य होगा।
Banaras Kolkata Expressway ( बनारस कोलकाता एक्सप्रेसवे ) से होंगे कई लाभ
Banaras Kolkata Expressway ( बनारस कोलकाता एक्सप्रेसवे ) से ट्रैफिक में कमी आएगी। अलग-अलग शहरों के बीच यात्रा का समय कम होगा, इससे उन शहरों में कनेक्टिविटी में सुधार होगा जिससे होकर यह गुजरेगा। पश्चिम बंगाल, यूपी, बिहार व झारखंड में समुद्री व्यापार के लिए कोलकाता और हल्दिया बंदरगाहों का इस्तेमाल होता है। Banaras Kolkata Expressway ( बनारस कोलकाता एक्सप्रेसवे ) से माल की आवाजाही का समय कम होगा। इससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। उद्योगों का विकास होगा और रोजगार सृजन होगा।