गाजीपुर में बढ़ा आवारा कुत्तों का अटैक, सड़कों पर बच्चे हो रहे शिकार
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सैदपुर में आवारा कुत्तों की समस्या तेजी से पांव पसार रही है। सड़कों और विभिन्न सरकारी कार्यालयों तक कुत्तों के झुंड ने अपना डेरा जमा लिया है। दिन प्रतिदिन सड़कों पर घूम रहे, सड़े गले पागल कुत्तों के हमलों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इनका सबसे ज्यादा शिकार इंसानों के बच्चे, पालतू जानवर बकरी और सूअर के बच्चे हो रहे हैं। नगर के निजी चिकित्सालयों से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में कुत्तों के हमलों के शिकार लोग पहुंच रहे हैं।
प्रतिदिन दर्जनों लोग हो रहे हैं उनके हमले का शिकार
सैदपुर में बीते कुछ वर्षों के अंदर आवारा कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ी है। जिसके कारण मुख्य मार्गो से लेकर गांव और नगर की तंग गलियों तक, हर तरफ कुत्ते ही कुत्ते दिखाई देने लगे हैं। जो अब धीरे-धीरे निडर और आक्रामक होते जा रहे हैं। दर्जनों लोगों को प्रतिदिन इनके हमले का शिकार होकर, एंटी रेबीज वैक्सीन लगवानी पड़ रही है। वहीं कुछ लोग झाड़ फूंक के चक्कर में पड़कर, अपनी जान भी गवां रहे है। लोगों ने सड़कों पर अकेले छोटे बच्चों को भेजना लगभग बंद कर दिया है।
सड़े हुए घावों से कीड़े झटकते हुए सड़कों पर घूम रहे हैं पागल कुत्ते
सैदपुर स्थित विभिन्न सरकारी कार्यालय में भी बड़ी संख्या में यह कुत्ते टहलते नजर आ रहे हैं। इसमें कई कुत्ते ऐसे भी हैं, जिनके शरीर का एक बड़ा हिस्सा सड़ चुका है। सह पागलपन की हालत में सड़कों पर अपने सड़े घावों में पड़े कीड़ों को झटकते हुए दौड़ रहे हैं। अक्सर यह लोगों के घरों में घुसकर छुप के बैठ जा रहे हैं।
इनके सड़ रहे घाव से उठ रही बदबू, सड़कों से लेकर घरों तक लोगों को परेशान कर रही है। घर से ऐसे कुत्तों को भगाने के बाद लोगों को फिनायल और ब्लीचिंग पाउडर से घर की धुलाई करनी पड़ रही है।
जंगली कुत्तों की तरह झुंड बनाकर करते हैं शिकार
अब स्थितियां यह हो गईं हैं कि अपना पेट भरने के लिए यह आवारा कुत्ते जंगली कुत्तों की तरह झुंड बनाकर शिकार करने लगे हैं। लोगों के पालतू मुर्गे, सुअरों और बकरियों के बच्चे आए दिन इनके हमलों का शिकार हो रहे हैं। सड़कों पर झुंड में घूम रहे इन कुत्तों को देख कई लोगों को अपना रास्ता बदलना पड़ रहा है।
इसमें कई ऐसे कुत्ते भी शामिल है, जो आक्रामक और खतरनाक ब्रीड के पालतू कुत्तों से क्रॉस होकर पैदा हुए हैं। अगर जल्द प्रशासन इस समस्या को गंभीरता से नहीं लेता, तो वह दिन दूर नहीं जब यह पूरी तरह से जंगली शिकारी कुत्तों में बदलकर, इंसानों और छोटे बच्चों का शिकार करने लगेंगे।