पापा मंत्री तो बनेंगे ही, दो-दो विभाग भी मिलेगा; ओमप्रकाश राजभर के बेटे का बड़ा दावा
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. समाजवादी पार्टी को छोड़कर भाजपा के साथ आए सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर को लेकर उनके बेटे और पार्टी के महासचिव अरविंद राजभर ने बड़ा दावा किया है। अरविंद ने कहा कि योगी सरकार में पापा (ओपी राजभर) मंत्री तो बनेंगे ही विभाग भी पहले से तय है। उन्हें एक नहीं दो-दो विभाग मिलेंगे। सीएम योगी और ओपी राजभर के बीच सबकुछ ठीक नहीं होने की अटकलों का भी अरविंद राजभर ने जवाब दिया।
घोसी उपचुनाव से पहले ओपी राजभर ने सितंबर में ही शपथ लेने और कैबिनेट मंत्री बनने का खुलेआम ऐलान किया था। उन्होंने दारा सिंह चौहान के भी अपने साथ मंत्री बनने की बात कही थी। घोसी में भाजपा की हार के बाद से राजभर और दारा सिंह चौहान के मंत्री बनने का मामला खटाई में चला गया है। इसे लेकर विपक्षी पार्टियां लगातार ओपी राजभर पर हमले भी कर रही हैं।
अरविंद राजभर ने शुक्रवार को एक चैनल से बातचीत में कहा कि सुभासपा के NDA में आने से पहले ही सबकुछ तय हो चुका था। हम लोगों की कई दौर की मीटिंग के बाद एनडीए की बैठक में ओपी राजभर शामिल हुए थे। सीएम योगी और ओपी राजभर के बीच तकरार को लेकर अरविंद राजभर ने कहा कि यह सब विपक्षी पार्टियां फैला रही हैं।
अरविंद ने कहा कि सीएम योगी की पहल पर ही सेंट्रल से लेकर स्टेट तक सबकुछ तय हुआ है। दो जुलाई को सबसे पहले योगी जी का ही फोन आया था। उनके कहने पर ही तीन जुलाई को हम लोग दिल्ली गए और गृहमंत्री से मुलाकात हुई थी। एनडीए की बैठक के लिए भी योगी जी ने आमंत्रित किया था। इतने दिनों बाद भी ओपी राजभर के मंत्री नहीं बनने और तमाम अटकलों पर अरविंद ने कहा कि वह मंत्री जरूर बनेंगे लेकिन कब बनेंगे, इसकी डेट नहीं बताएंगे। यह भी कहा कि उन्हें एक नहीं दो-दो विभाग मिलेंगे।
कहा कि कौन-कौन से विभाग मिलेंगे यह भी तय हो चुका है। विभाग के सवाल पर कुरेदने पर कहा कि हम लोग ग्रामीणों के बीच रहते हैं, उनकी समस्याओं को दूर करने की कोशिश करते रहते हैं। ऐसे में हमारे पंचायत के साथियों से पूछ लीजिए कौन सा विभाग होगा। अरविंद का इशारा पंचायती राज विभाग की तरफ था।
ओपी राजभर अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। योगी की पहली सरकार में वह कैबिनेट मंत्री बने थे। अपने बयानों को लेकर ही उनकी योगी का विवाद हो गया और मंत्री पद से बर्खास्त कर दिए गए थे। सपा के साथ रहने के दौरान भी अखिलेश पर बयानबाजी को लेकर खटपट बढ़ गई। इसके बाद सपा का साथ छोड़कर दोबारा भाजपा के साथ आ गए हैं।
सुभासपा ने 2017 का विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था। योगी की पहली सरकार में राजभर को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। मंत्री बनने के बाद ओपी राजभर का सीधे सीएम योगी से टकराव हो गया। इससे मंत्री पद से राजभर को बर्खास्त कर दिया गया। 2022 के विधानसभा चुनाव में ओपी राजभर ने सपा के साथ गठबंधन किया। योगी सरकार में मंत्री रहे दारा सिंह चौहान समेत कई अन्य मंत्री भी भाजपा से सपा में आ गए।
चुनाव में सपा को खास सफलता नहीं मिलने और उपचुनावों को लेकर राजभर का अखिलेश यादव से भी टकराव हो गया। ऐसे में एक बार फिर राजभर सपा का साथ छोड़कर भाजपा के साथ आ गए। राजभर के सपा छोड़ते ही घोसी से सपा विधायक दारा सिंह चौहान ने भी भाजपा का दामन थाम लिया। दोनों के मंत्री बनने की अटकलें भी लगने लगीं। इसी बीच हुए घोसी चुनाव ने रुख बदल दिया। दारा सिंह चौहान के हारते ही ओपी राजभर का भी मंत्री बनने का मामला टल गया।