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Ghazipur News: विषैले साँप के काटने से किशोरी की मौत, परिजन कराते रहे झाड़-फूंक

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सैदपुर औड़िहार कला गांव में रविवार को विषैले सर्प के काटने से एक किशोरी की मौत हो गई। परिजनों ने किशोरी को बचाने के लिए पहले कई स्थानों पर उसे ले जाकर झाड़ फूंक कराया। लेकिन हालत बिगड़ता देख, अंत में परिजन किशोरी को लेकर सैदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। जहां इलाज के दौरान डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन मृत किशोरी का शव लेकर रोते हुए घर चले गए।

आज यानि रविवार की सुबह लगभग 9 बजे सैदपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत औड़िहार कला गांव निवासी नीलू (16) पुत्री रामबचन घर में मां के साथ खाना बनाने की तैयारी कर रही थी। इसके लिए वह राशन के कमरे से बर्तन में ईट के ऊपर रखें एक ड्रम से चावल निकाल रही थी। तभी चावल के ड्रम के नीचे से एक विषैले सर्प ने उसके पैर में काट लिया। चिखते हुए नीलू ने जब ड्रम के नीचे ईट के बीच देखा, तो वहां उसे एक सांप दिखाई दिया। भागते हुए वह अपनी मां रेनू के पास पहुंची और उन्हें बताया कि उसके पैर में सर्प ने काट लिया है।

चलता रहा झड़-फूंक, बिगड़ी रही किशोरी की हालत

परिजन नीलू को लेकर पास के गांव करमपुर में एक झाड़ फूंक करने वाले के पास पहुंचे। जहां झाड़ फूंक के बाद भी किशोरी को आराम नहीं हुआ और उसकी हालत बिगड़ती गई। इसके बाद परिजन उसे लेकर, दूसरे गांव स्थित एक अन्य झाड़ फूंक करने वाले के घर गए। वहां भी झाड़ फूंक से उसे कोई आराम नहीं हुआ। जहर के असर से नीलू को अब तक धुंधला दिखाई देने लगा। यह देख कुछ लोगों की सलाह पर परिजन किशोरी को लेकर सैदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। जहां इलाज के दौरान कुछ देर बाद नीलू ने दम तोड़ दिया। जिसके बाद परिजनों में कोहरा मच गया। वह चिकित्सालय में ही नीलू के मृत शरीर से लिपटकर रोने लगे।

परिजनों को सीएचसी न ले जाने का हो रहा पछतावा

नीलू अपनी तीन बहनों और दो भाइयों में सबसे छोटी थी। पिता राजगीर मिस्त्री है और भाई भी मजदूरी का काम करते हैं। जिससे परिवार का भरण पोषण होता है। नीलू की मौत के बाद से परिजन लगातार रोए जा रहे हैं। गांव की महिलाएं और पुरुष परिजनों को लगातार ढाढस बंधा रहे हैं, लेकिन उनके आंसू रोक नहीं रख रहे। नीलू की मौत के बाद परिजनों को अब इस बात का पछतावा हो रहा है कि वह झाड़ फूंक के चक्कर में पड़ने से पहले, अगर नीलू को सीधे सैदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर आ जाते, तो उसकी जान बच जाती।

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