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घोसी उपचुनाव से पहले बसपा का बड़ा फैसला, NDA और I.N.D.I.A. खेमे में मची खलबली

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, मऊ. घोसी विधानसभा सीट पर 5 सितंबर को उपचुनाव है। वोटिंग से पहले बसपा ने अपने एक फैसले से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। घोसी में भाजपा और सपा के बीच ही मुख्‍य मुकाबला है। बसपा ने अपना कोई प्रत्‍याशी नहीं उतारा है। 

बसपा के यूपी अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने कहा है कि हमारी पूरी टीम आने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर लगी है। इस उपचुनाव में राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के निर्देश के मुताबिक हमारे लोग भाग नहीं लेंगे। बसपा के लोग अगर अगर वोट देंगे तो सिर्फ नोटा का ऑप्शन ही प्रयोग में लाएंगे। बसपा के इस फैसले से एनडीए और I.N.D.I.A. खेमे में खलबली मच गई है। आपको बता दें कि घोसी में करीब 90 हजार दलित वोटर हैं। पिछले तीन विधानसभा चुनाव नतीजे देखें तो ये तबका हार-जीत में अहम भूमिका निभाता रहा है।

विश्वनाथ पाल का कहना है कि चूंकि घोसी उपचुनाव प्रलोभन देकर विधायक तोड़कर हो रहा है जिसका भार जनता पर जा रहा है, इसलिए हम इसका विरोध करते हैं। बसपा ने इसीलिए उपचुनाव में अपना कोई प्रत्‍याशी नहीं उतारा है। बसपा के वोटर अगर अपने मत का प्रयोग करेंगे तो उनसे नोटा ऑप्‍शन का प्रयोग करने के लिए ही कहा गया है। बसपा के इस फैसले के बाद एनडीए और I.N.D.I.A. पक्ष के लोग दलित वोटरों को अपने पाले में लाने की जुगत में भिड़ गए हैं। अगर वाकई में बसपा के वोटर्स नोटा का इस्‍तेमाल करते हैं तो चुनाव परिणाम प्रभावित कर सकते हैं।

2022 विधानसभा चुनाव में बसपा को मिले थे 54, 248 वोट

आपको बता दें कि घोसी के विधायक रहे दारा सिंह चौहान ने दोबारा भाजपा जॉइन कर लिया है। 2022 विधानसभा चुनाव से ऐन पहले चौहान ने सपा का दामन थाम लिया था। उनके सामने सपा ने अपने पुराने नेता रहे सुधाकर सिंह को उतारा है। राजनीतिक दलों के आंकड़ों की मानें तो यहां बसपा की पकड़ अब भी मजबूत दिखाई दे रही है। 2017 में बसपा के अब्बास अंसारी को 81,295 मत मिले थे। जबकि 2019 के उपचुनाव में बसपा के अब्दुल कय्यूम अंसारी को 50,775 वोट मिले थे। 2022 में यहां बसपा प्रत्याशी वसीम इकबाल को 54,248 मत मिले थे। इन आंकड़ों से यही पता चलता है कि दलित मतदाता यहां निर्णायक भूमिका में हैं।

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