Ghazipur News: महिला के मायके में हत्या कर शव लाने का आरोप
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. कासिमाबाद के मुहम्मदपुर मनोरथ गांव निवासी मनीष कुमार सिंह की हुसेनाबाद गांव में हत्या के बाद थाने पर पहुंची मां और बहन चीख-चीखकर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठा रहीं थीं। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उनका कहना था कि मनीष की हत्या लक्ष्मणपुर में आरोपी महिला के मायके में की गई। इसके बाद शव को हुसेनाबाद लाया गया।
घरवालों का आरोप है कि घटना को अंजाम देने में महिला का सिपाही पति और उसके भाई भी शामिल हैं। उन्हें मामले की जानकारी दूसरे से हुई और शव को बलिया की जगह पोस्टमार्टम के लिए गाजीपुर ले जाया गया। उन्हें शव को देखने तक नहीं दिया गया। बरेसर थाने में बिलख रहे परिजनों ने बताया कि बिहार के बेतिया में चल रहे कंस्ट्रक्शन कार्य की देख-रेख का कार्य करने वाला मनीष आठ सितंबर को बेतिया जाने की बात कहकर घर से निकला था।
चाचा का पुत्र बाइक से बक्सर लेकर जा रहा था। भरौली गोलंबर पर आरोपी महिला के भाई मिल गए और उसे बक्सर स्टेशन छोड़ने की बात कहकर उतार लिया था। नौ सितंबर को पता चला कि मनीष बेतिया पहुंचा ही नहीं। तब परिवार के लोग शक के आधार पर खोजते-खोजते आरोपी महिला के मायके लक्ष्मणपुर पहुंचे। वहां तो पहले लोगों ने किसी युवक के आने की बात से इन्कार कर दिया। जब नरही थाने की पुलिस वहां पहुंची तो मकान के एक कमरे में बंद मनीष को बाहर निकाला और पीछे से महिला भी आई।
इसके बाद मनीष बेतिया जाने की बात कहकर बक्सर गोलंबर पर उतर गया और कहा कि बक्सर से ट्रेन पकड़कर चला जाएगा। मनीष की मां रीता देवी और बहन निधि सिंह ने आरोप लगाया कि लक्ष्मणपुर में मनीष की हत्या कर शव हुसेनाबाद लेकर आए और इसमें महिला का सिपाही पति और महिला के दोनों भाइयों के अलावा अन्य लोग भी शामिल हैं।
परिजन घटना से जु़ड़ी तस्वीर दिखाते हुए दावा कर रहे हैं कि हुसैनाबाद के जिस मकान के कमरे में बेड पर मनीष का शव पड़ा था, वहां खून के निशान नहीं थे। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो मनीष के शरीर पर पड़े जख्म से निकले खून भी सूखे हुए थे। गले, सीने सहित शरीर के कई हिस्सों में चाकू के निशान थे। देखने से लग रहा था कि युवक की बेरहमी से हत्या की गई थी। घरवालों का कहना था कि शव देखकर ऐसा लग रहा था कि कोई अकेली महिला इस तरह की घटना को अंजाम नहीं दे सकती।
बेड पर पड़ा था युवक का शव, छत पर रो रही थी महिला
हत्या के मामले में आरोपी महिला को उसके मकान की छत से रविवार की सुबह गिरफ्तार किया गया। उसकी साड़ी पर खून के निशान थे जबकि युवक का शव उसके कमरे में बेड पर पड़ा मिला था। जांच में यह बात सामने आई कि मनीष का पिछले तीन वर्षों से महिला के घर आना-जाना था। आरोपी हुसेनाबाद निवासी कमलेशी देवी (35) सरकारी सफाईकर्मी है। उसका पति मध्य प्रदेश में पुलिस में है। उसके दो बच्चे 10 और 12 वर्ष के हैं।
गांव में दो घर है, जहां एक में अकेले कमलेशी देवी रहती है, जबकि दूसरे पर ससुर रहते थे। पुलिस के मुताबिक मनीष तीन वर्ष से कमलेशी के घर आता-जाता था। हालांकि गिरफ्तारी के बाद महिला ने कहा कि उसने मनीष की हरकतों से परेशान होकर उसकी हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के पहले दोनों बच्चों को रात में खाना खिलाने के बाद ससुर के पास भेज दिया था। कमलेशी जिस घर में रहती थी वह गांव के एक छोर पर है। आसपास पेड़-पौधे हैं। रात में उसने मनीष की बेड पर ही हत्या कर दी और भोर में छत पर चली गई। उसके रोने की आवाज सुनकर गांव की महिलाओं ने उसके ससुर को खबर दी।
परिजनों के बिलखने से पसरा मातमी सन्नाटा
कासिमाबाद के मुहम्मदपुर मनोरथ गांव निवासी मनीष कुमार सिंह दो भाइयों में बड़ा था। जबकि दोनों भाई से बड़ी एक बहन निधि है। पुत्र की हत्या की जानकारी मिलते ही पिता विष्णुदेव सिंह, माता रीता देवी, बहन निधि सिंह और छोटा भाई शिवम बिलखने लगे। वे बेसुध हो जा रहे थे। लोग परिजनों को सांत्वना देकर शांत कराने में जुटे रहे।
पति की शिकायत पर हुआ था स्थानांतरण
ग्रामीणों के मुताबिक हत्यारोपी कमलेशी देवी की तैनाती पूर्व में मुहम्मदपुर मनोरथ गांव में ही थी। इसी दौरान मनीष और महिला सफाई कर्मी के बीच नजदीकियां बढ़ गई थी। इसकी जानकारी होने पर महिला के पति ने कासिमाबाद विकास खंड में अधिकारियों से कहा था कि उसकी पत्नी का स्थानांतरण कहीं और कर दिया जाए। इस पर उसका स्थानांतरण धरवा ग्राम पंचायत के रसूलपुर कर दिया गया था।
पुलिस ने किया था शांतिभंग में चालान
कासिमाबाद में ग्रामीणों ने बताया कि सफाई कर्मी महिला और मनीष के संबंध की जानकारी होने पर यह मामला थाने पहुंचा था। दोनों पक्षों में सुलह-समझौता हो गया था। पुलिस ने इन्हीं सब मामलों में छह अगस्त को युवक का शांतिभंग में चालान भी किया था, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई थी।