टिकैत बोले- जरूरत पड़ी तो ट्रैक्टर दिल्ली से बनारस मोड़ देंगे
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी के शास्त्री घाट पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, "ट्रैक्टर ने कोई तय करके नहीं रखा है कि दिल्ली ही जाएगा। ट्रैक्टर की जरूरत पड़ी, तो बनारस भी आ जाएगा।" राकेश टिकैत ने कहा कि बीजेपी जमीन लूटने वाली पार्टी है। इस दौरान मेधा पाटकर और योगेंद्र यादव ने गांधी विरासत पर हुए कब्जे को देश के ढांचे पर हमला बताया।
सर्व सेवा संघ परिसर राजघाट और सर्वोदय प्रकाशन को पिछले महीने रेलवे ने खाली कराकर अपना बोर्ड लगाया है। शास्त्री घाट पर गुरुवार को इसे वापस पाने के लिए एक विशाल जनसभा की गई। राकेश टिकैत, मेधा पाटेकर और योगेंद्र यादव समेत तमाम लोग यहां पहुंचे थे।
टिकैत बोले- हम हैं असली हिंदू
इस दौरान राकेश टिकैत ने कहा, अब ये साफ बोलना होगा कि नागपुरी हिंदू अलग है और देश का हिंदू अलग। आने वाले सर्दियों में सड़क को गर्म करना होगा। हमारे ट्रैक्टर सिर्फ दिल्ली की ओर जाएंगे, ऐसा कोई तय थोड़े न है। जरूरत पड़ी तो, ट्रैक्टर बनारस की ओर मोड़ लाएंगे।
बीजेपी को धरोहर नहीं पसंद
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र बाबू, प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, संत विनोबा भावे, बाबू जगजीवन राम, जय प्रकाश नारायण, लाल बहादुर शास्त्री की कोशिशों से बना हुआ यह संस्थान धरोहर है। ये लोग जो आज कुर्सी पर हैं, ये धरोहर विरासत शब्द का मतलब नहीं जानते। ये खुद को हिंदू बोलते हैं, लेकिन ये इसका भी मतलब नहीं जानते। हम इस देश के असली हिंदू हैं।
सवाल जमीन का नहीं, गांधी की विरासत का है
योगेंद्र यादव ने कहा, आपके शहर बनारस में गांधी की विरासत सर्व सेवा संघ 70 साल से मौजूद है। आज सरकार कहती है तुमने कब्जा कर रखा है। तुम गैरकानूनी हो। सवाल जमीन का नहीं गांधी की विरासत का है।
रेलवे वाले कहते हैं ये हमसे ऊपर का मामला
मेधा पाटकर ने कहा कि आज गांधी सत्याग्रह की सबसे ज्यादा जरूरत है। आरएसएस मोदी इसी से डर रहे हैं। आज देश भर में जो आवाज उठ रही, वो गांधी को मानने वालों की है। सर्व सेवा संघ की जमीन को कब्जा करने वाले पूरे देश में एयरपोर्ट फ्लाई ओवर के नाम पर कब्जा करने वाले लोग हैं। ये मजदूर किसान पर हमला है।
इसके खिलाफ लड़ाई आज बनारस में है। अगर गंगा को बचाना चाहते है तो सर्व सेवा संघ को बचाना होगा। आज मोदी जब भी बाहर जाते हैं तो गांधी का नाम लेते हैं। पर बनारस में उनका संस्थान बंद करते हैं। मैंने रेलवे और उच्च अधिकारियों से बात की, मगर उन्होंने कहा ये हमारे स्तर की बात नहीं। ये ऊपर से चल रहा है। हमें ये मंजूर नहीं।