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मंत्री बनने आए ओमप्रकाश राजभर को कुर्सी के लाले, एक स्टूल तक के लिए तरस गए राजभर

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. 2022 के विधानसभा चुनाव में ओम प्रकाश राजभर ने जिस तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गालियां दी थी, लगता है कि योगी आदित्यनाथ उस टीस को अभी भूल नहीं पाए हैं। केंद्र की मोदी सरकार ने भले ही राजभर की बातों को भूला दिया हो और फिर से उनकी पार्टी सुभासपा को एनडीए में शामिल कर लिया हो, मगर योगी आदित्यनाथ सुभासपा चीफ ओम प्रकाश राजभर को गाहे बगाहे इस बात का एहसास करा ही देते हैं कि उन्होंने योगी को क्या-क्या कहा था।

केंद्र नरम, मगर योगी नहीं दे रहे भाव

राजनीति में सिर्फ बयान ही नहीं बल्कि व्यवहार, हाव भाव, बोल चाल यहां तक की पहनावे की भी एक अलग ही भाषा होती है, जिसका संदेश दूर तक जाता है। गृह मंत्री अमित शाह ने ओम प्रकाश राजभर से 16 जुलाई को मुलाकात की और एक फोटो ट्वीट करते हुए लिखा, "राजभर जी का एनडीए में स्वागत है। राजभर जी के आने से यूपी में एनडीए को मजबूती मिलेगी।"

इसके बाद यूपी के सभी नेताओं ने सोशल मीडिया पर राजभर की घर वापसी को हाथों हाथ लिया और बधाई संदेश जारी किए, मगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें बधाई तक नहीं दी।

21 जुलाई को राजभर ने अपने दोनों बेटों के साथ सीएम योगी से मुलाकात की थी।

21 जुलाई को ओम प्रकाश राजभर अपने दोनों बेटों के साथ योगी आदित्यनाथ से मिले, मगर चेहरे बता रहे थे कि अब वो पहले वाली बात नहीं रही। योगी आदित्यनाथ ने ना ही अपने निजी हैंडिल और ना ही अपने ऑफिस के हैंडिल से मुलाकात की बाबत कोई जानकारी साझा की।

पीएम मोदी का दिखा खास अंदाज

इसी बीच ओम प्रकाश राजभर दिल्ली में एनडीए के घटक दलों की बैठक में भी शामिल हुए, जिसमें प्रधानमंत्री ने गर्मजोशी से उनके साथ हाथ मिलाया और उस मुलाकात की तस्वीरें भी सोशल मीडिया में छाई रहीं।

मंत्रीमंडल विस्तार पर कोई सुगबुगाहट नहीं

यूपी में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं हर रोज होती रहती हैं, मगर सच्चाई ये है कि अभी तक इस पर मुख्यमंत्री की तरफ से कुछ भी नहीं कहा गया है। मंत्रीमंडल विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री कैंप से राजभवन तक इसका जिक्र भी दूर-दूर तक नहीं है।

योगी-राजभर में दिखीं दूरियां

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के बीच की तल्खियां 7 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान भी देखने को मिली जब 6 विधायकों वाली सियासी पार्टी सुभासपा के मुखिया ओम प्रकाश राजभर एक अदद कुर्सी के लिए तरस गए।

विधानसभा में डिजिटल कॉरिडोर के लोकार्पण अवसर पर राजभर को कुर्सी तक नहीं मिली। वह पीछे ही खड़े रहे।

विधानसभा सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने विधानसभा में डिजिटल कॉरिडोर का लोकार्पण किया। जिसमें दो विधायकों वाले कांग्रेस की नेता आराधना मिश्रा "मोना" तक को कुर्सी मिली मगर ओम प्रकाश राजभर तस्वीरों में पीछे खड़े दिखाई दे रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की किताब के विमोचन में भी संजय निषाद आगे की लाइन में दिख रहे हैं। मगर राजभर पीछे ही खड़े हैं।

एक स्टूल तक के लिए तरस गए राजभर

मजेदार बात ये है कि ओम प्रकाश राजभर कई जगहों पर ये बोलते हुए सुने जाते हैं कि वो जल्द ही योगी जी के मंत्रिमंडल में शामिल होंगे मगर फिलहाल एक कुर्सी तो छोड़िए एक स्टूल तक मयस्सर नहीं है।

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