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माफिया मुख्तार अंसारी के पुत्र को कोर्ट से बड़ा झटका; संपत्ति कुर्क करने का नोटिस जारी

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. माफिया मुख्तार अंसारी के परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब्बास अंसारी के साथ मुख्तार खुद जेल में बन्द है। पत्नी अफशां अंसारी और छोटा बेटा उमर अंसारी पुलिस की गिरफ्त से दूर फरार चल रहे हैं। दोनों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस तलाश में जुटी हुई है। इन तमाम परेशानी के बीच MP-MLA कोर्ट ने उमर अंसारी को बड़ा झटका दे दिया है। उमर अंसारी के विरुद्ध गैर जमाने की वारंट और संपत्ति कुर्क करने का भी नोटिस जारी किया गया है।

हेट स्पीच के मामले में विधायक अब्बास अंसारी की मऊ के MP-MLA कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सोमवार को सुनवाई हुई। इस दौरान विधायक के अधिवक्ता ने आरोप मुक्त किए जाने के लिए अर्जी दी है। MP-MLA कोर्ट श्वेता चौधरी ने मामले में अभियोजन को अपना पक्ष रखने के लिए 1 सितंबर की तारीख तय की है। इस मामले में अब्बास के भाई उमर अंसारी के कोर्ट में हाजिर न होने पर उसके विरुद्ध गैर जमानती वारंट के साथ ही उसकी संपत्ति कुर्क करने के लिए धारा 82 सीआरपीसी के तहत नोटिस जारी किया गया। साथ ही मामले में सुनवाई के लिए 11 सितंबर की अगली तिथि तय की गई है।

अब्बास के साथ उमर को बनाया गया है आरोपी

मऊ विधायक अब्बास अंसारी के साथ उमर को हेट स्पीच केस में आरोपी बनाया गया है। दरअसल, मऊ जिले में एक चुनावी रैली के दौरान नफरती भाषण का यह मामला है। इसमें अब्बास ने सरकारी अधिकारियों को कथित तौर पर देख लेने की धमकी दी थी। उस समय यह मामला खूब गरमाया था। पुलिस ने इस वायरल वीडियो के आधार पर अब्बास, उमर और अन्य को आरोपी बनाते हुए केस दर्ज कराया था।

चुनावी भाषण में अब्बास ने क्या कहा था?

यूपी चुनाव 2022 के दौरान मऊ से सुभासपा-सपा गठबंधन के उम्मीदवार अब्बास अंसारी ने एक भाषण के दौरान सरकारी अधिकारियों को धमकी दी थी। अब्बास ने जनसभा में कथित तौर पर कहा था कि राज्य में सरकार बनने के बाद शुरुआती छह महीने में किसी भी सरकारी अधिकारी का तबादला नहीं किया जाएगा, क्योंकि पहले हिसाब किताब होगा।

उमर अंसारी के वकील ने कहा कि एक युवा को केवल इसलिए केस का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि वह उस परिवार में पैदा हुआ है। उसने यह कथित टिप्पणी नहीं की थी। अब्बास और उमर के खिलाफ आईपीसी की धारा 171एफ (चुनावी रैली में अनुचित प्रभाव या प्रतिरूपण के लिए सजा) और 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) के तहत केस दर्ज किया गया था।

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