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पुलिस ने किसान बनकर किडनैपर से बच्चे को छुड़ाया

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. मुरादाबाद में इंजीनियर के 7 साल के बेटे को किडनैप करने वाले 2 बदमाशों को पुलिस ने एनकाउंटर में गिरफ्तार कर लिया। दोनों बदमाश पुलिस की गोली लगने से घायल हो गए।

एसएसपी हेमराज मीणा और बरामद हुए बच्चे वैदिक गुप्ता ने एक दूसरे काे फ्रेंडशिप बैंड बांधा।

साथ ही बदमाशों से मुठभेड़ में एक SI घायल हो गया। पुलिस ने बच्चे को सही-सलामत बरामद कर लिया। बदमाशों ने इंजीनियर से 40 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी।

बच्चे की सकुशल बरामदगी के लिए पुलिस ने CCTV फुटेज और मोबाइल लोकेशन का सहारा लिया। लोकेशन ट्रेस होते ही 2 पुलिसकर्मी किसान बनकर किडनैपर की गाड़ी तक पहुंचे। उसके बाद बच्चे को बरामद किया गया।

अब पढ़िए अपहरण की पूरी कहानी...

बच्चे को घर के बाहर से खेलते समय उठा ले गए थे

नवनीत गुप्ता मुरादाबाद के मझोला थाना क्षेत्र के बुद्धि विहार इलाके के रहने वाले हैं। वह एक मोबाइल कंपनी में इंजीनियर हैं। उनका 7 साल बेटा वैदिक आर्यंस इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ता है। शनिवार शाम करीब 6:30 बजे वैदिक गुप्ता घर के बाहर साइकिल चला रहा था। तभी सफेद रंग की वैगनआर कार से किडनैपर्स वहां पहुंचे। इसके बाद वे लोग बच्चे को कार में लेकर भाग गए।

पीले रंग की टीशर्ट में वैदिक गुप्ता है। किडनैपर्स ने उसे घर के बाहर से अगवा कर लिया था।

वैदिक काफी देर तक घर नहीं लौटा। मगर, घरवाले ने समझा कि वैदिक शायद अभी तक साइकिल ही चला रहा है। करीब 1 घंटे बाद किडनैपर्स ने नवनीत गुप्ता को कॉल किया। उनसे बच्चे को छोड़ने के लिए 40 लाख रुपए की फिरौती मांगी। उसके बाद घरवालों ने घर के बाहर देखा। थोड़ी दूरी पर साइकिल तो खड़ी मिली, लेकिन वैदिक वहां नहीं था। तब उन्हें बच्चे के किडनैप होने की जानकारी हुई।

किडनैपिंग का विश्वास दिलाने के लिए बच्चे से बात कराई

किडनैपर्स ने घरवालों को किडनैपिंग का विश्वास दिलाने के लिए वैदिक से उसके पिता की बात भी कराई। वैदिक ने पिता से कहा कि वह दिल्ली जा रहा है। इतना कहते ही कॉल कट गई थी। इससे पहले किडनैपर ने इंजीनियर नवीन गुप्ता से कहा था कि फिरौती का डिमांड को हल्के में कतई न ले। अगर पुलिस से शिकायत की या फिर बताई गई रकम डिलीवर नहीं की, तो अंजाम बहुत बुरा होगा।

किडनैपर ने इंजीनियर से कहा था कि फिरौती की रकम कब और कहां देनी है, ये बात कॉल करके बताएंगे। उन्होंने ये भी धमकी दी थी कि अगर पुलिस को इस बारे में जानकारी दी, तो बच्चे की हत्या कर दी जाएगी।

बच्चे के पिता ने एसएसपी से लगाई गुहार

काफी देर तक परिवार के लोग इस असमंजस में रहे कि बच्चे के अगवा होने की सूचना पुलिस को दी जाए या नहीं। इसके बाद नवनीत ने किसी तरह से हिम्मत जुटाई। उन्होंने रात में करीब 9 बजे SSP हेमराज मीणा को कॉल करके बेटे के अपहरण की सूचना दी। उनसे बच्चे को बरामद करने के लिए गुहार लगाई। इसके बाद से पुलिस पूरे जिले की घेराबंदी करके किडनैपर की तलाश में जुट गई।

CCTV फ़ुटेज से शुरू की गई तलाश

SSP हेमराज मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मामला बेहद संवेदनशील था। पुलिस के तुरंत रिएक्ट करने में बच्चे की जान काे खतरा हो सकता था। इसलिए सूचना मिलने के बाद पुलिस ने पूरा होमवर्क किया। CCTV फुटेज से ये पता चल चुका था कि बच्चे को सफेद रंग की वैगनआर कार में ले जाया गया है। इसके बाद स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगे CCTV की मदद से वैगनआर का रूट ट्रेस किया गया। सर्विलांस टीम के जरिए लगातार किडनैपर्स के मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की जा रही थी। फोन बार-बार बंद होता था और फिर ऑन होता था। हर बार उसकी लोकेशन बदली होती थी।

रातभर चला ऑपरेशन, सुबह मिली किडनैपर्स की सही लोकेशन

पुलिस की टीमों ने रातभर अलग-अलग लोकेशन पर किडनैपर्स का पीछा किया। लेकिन नंबर ऑफ होते ही उनकी लोकेशन बंद हो जाती थी। बच्चे को सुरक्षित ठिकाने पर छिपाने की मंशा से किडनैपर बार-बार अपना ठिकाना बदल रहे थे। अभी तक उन्हें ये भनक नहीं थी कि परिजनों ने पुलिस को सूचना दे दी है और पुलिस उनके पीछे लगी हुई है। इस बीच उन्होंने दो बार वैगनआर की नंबर प्लेट भी बदली। लेकिन पुलिस की नाकेबंदी की वजह से वो जिले से बाहर नहीं जा सके। तड़के करीब 4 बजे किडनैपर्स बिलारी के गढ़ी बिचौला-कुंदरकी मार्ग पर पहुंचे और यहां जंगल में जा छुपे। यहां पुलिस को उनकी सटीक लोकेशन मिल गई।

पहले किसान बनाकर पैदल भेजे गए 2 पुलिस वाले

जंगल में किडनैपर्स के होने की इलेक्ट्रानिक एविडेंस आने के बाद SSP ने दो पुलिसकर्मियों को किसान बनाकर पैदल ही वहां पर भेजा। ताकि किडनैपर्स की लोकेशन को कन्फर्म किया जा सके। दोनों पुलिसकर्मी जब किसान बनकर वहां पर पहुंचे, तो उन्होंने एक खेत में वैगनआर खड़ी देखी। किडनैपर्स की लोकेशन की पुष्टि होने के बाद पुलिस टीमों को तैयार किया गया। पुलिस ने प्लान बनाया कि सबसे पहले सादा कपड़ों में किसान बने पुलिसकर्मी उस वैगनआर तक पहुंचेंगे। जिसमें बच्चा सोया है। इसके लिए सुबह के 5:30 बजने तक वेट किया गया।

प्लान के मुताबिक, सादा कपड़ों वाले पुलिसकर्मी सबसे पहले वैगनआर के पास पहुंचे। बाकी पुलिस टीमें भी अपने वाहन काफी पीछे छोड़कर पैदल ही मौके तक पहुंचीं। उसके बाद खेत को कवर कर लिया। किसान बने पुलिसकर्मी जैसे ही बच्चे तक पहुंच गए, बाकी टीमें भी उनके पीछे खड़ी हो गईं। उन्हें देख किडनैपर्स ने गोलियां चलानी शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की। पकड़े जाने के डर से किडनैपर्स गोलियां चलाते हुए भागने लगे। पुलिस की जवाबी फायरिंग में 2 किडनैपर्स को पैर में गोली लग गई। जिसके बाद उन्हें पकड़ लिया गया। इस घटना में बिलारी थाने के SI अनुज कुमार भी घायल हुए हैं। उनके हाथ में गोली लगी है।

बच्चे का पड़ोसी ही निकला किडनैपर

बच्चे को बरामद करने के बाद पुलिस तुरंत जिला मुख्यालय के लिए रवाना हुई। जबकि घायल किडनैपर्स और एसआई को जिला अस्पताल भेजा गया। CO सिविल लाइंस अर्पित कपूर ने बताया कि किडनैपर्स में से एक अंकुश बुद्धि विहार कालोनी का ही रहने वाला है। वह बच्चे का पड़ोसी है। उसका घर बच्चे के घर से महज 2 घर की दूरी पर है। अपहरण में इस्तेमाल की गई वैगनआर कार भी अंकुश की ही थी। वो पेशे से टैक्सी ड्राइवर है। पकड़े गए दूसरे किडनैपर ने अपना नाम विक्की मेहता बताया है। वह मुरादाबाद के सिविल लाइंस एरिया में नवीन नगर का रहने वाला है।

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