प्रसव का पैसा न चुकाने पर हॉस्पिटल संचालक ने मांगी किडनी; बोले- खून बेचकर पैसे जमा करो - Ghazipur News
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में सैदपुर क्षेत्र के भटौला स्थित एक निजी अस्पताल में गर्भवती वनवासी महिला का प्रसव कराने के लिए 16 हजार के पैकेज पर भर्ती कर 73 हजार का बिल बना दिया। इसके लिए प्रसूता को अपना मंगलसूत्र तक बेचना पड़ा। लेकिन हॉस्पिटल का बिल पूरा नहीं हो पाया। आरोप है कि हॉस्पिटल संचालक परिजनों से किडनी और खून बेचकर बिल भरने की बात कहने लगा।
बहरियाबाद निवासिनी गर्भवती उमा (18) पत्नी अजय वनवासी को उसके परिजन गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल से हायर मेडिकल सेंटर वाराणसी के लिए प्रसव को लेकर जा रहे थे। इस दौरान वनवासी परिवार से एक दलाल मिल गया। जिसने उन्हें क्षेत्र के भटौला स्थित एक निजी अस्पताल संचालक से बात करा कर, डिलीवरी के 16 हजार के पैकेज पर गर्भवती को भर्ती करा दिया। जहां वनवासी महिला का प्रसव कराया गया और उसने पुत्र को जन्म दिया।
अब तक दवा इलाज के नाम पर गर्भवती का मंगलसूत्र बेचकर वनवासी परिवार 41 हजार चिकित्सालय को दे चुका था। लेकिन इसके बाद चिकित्सालय द्वारा वनवासी परिवार को डिस्चार्ज से पहले 73 हजार का बिल थमा दिया गया। जिसमें 32 हजार बनवासी परिवार का बकाया भुगतान बताया गया।
इस पर वनवासी परिवार ने इतना बकाया भुगतान करने में असमर्थता जता दी। आरोप है कि जब वनवासी परिवार ने पैसे देने में असमर्थता जताई, तो चिकित्सालय संचालक और उसके स्टाफ परिजनों से पैसा खून और किडनी बेचकर देने की मांग करने लगे।
थाने पहुंचने पर दोनों पक्षों ने किया समझौता
इस दौरान वनवासी परिवार जच्चा बच्चा को डिस्चार्ज करने की मांग करता रहा। इस पर हॉस्पिटल संचालक ने पुलिस को सूचना दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने बुला लिया। जैसे ही यह बात ग्रामीण वनवासियों को चली तो दर्जनों महिला-पुरुष वनवासी भी थाने आ गए। जहां घंटों बातचीत के बाद बिल भुगतान के संबंध में दोनों पक्षों ने आपस में सुलह समझौता कर लिया। इसके बाद सभी वनवासी जच्चा बच्चा के साथ गांव लौट गए।