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ग़ाज़ीपुर में गंगा चेतावनी बिंदु के पार, तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में गंगा का जलस्तर में तेजी से इजाफा हो रहा है। मंगलवार को नदी चेतावनी बिंदु को पार कर गई। इससे तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा मंड़राने लगा है। हालांकि नदी के जलस्तर बढ़ने की रफ्तार नौ से घटकर दो सेंटीमीटर प्रतिघंटे हो गई, लेकिन लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी है।

गंगा नदी में चेतावनी बिंदु 61.550 मीटर पर है। मंगलवार को शाम पांच बजे जलस्तर 61.610 मीटर पर दर्ज किया गया है। जबकि खतरा बिंदु 63.105 मीटर बताया जा रहा है, वहीं पिछले वर्ष 64.390 मीटर बाढ़ का उच्चतम स्तर था। ऐसे में नदी के तटवर्ती इलाके के लोगों की परेशानियां बढ़ने लगी हैं।

लोग पिछले वर्ष आई विनाशकारी बाढ़ को लेकर चिंता करने लगे हैं, क्योंकि कई इलाकों में खेत-खलिहान जलमग्न हो चुके हैं। किसानों की फसलें भी नष्ट हो गई हैं। खानपुर: औड़िहार पटना गोपालपुर, हथौड़ा, खरौना, कुसही गांव के किसान सब्जी और हरे चारे की सुरक्षा में लगाए बाड़ को उखाड़ कर सुरक्षित स्थान पर ले जाने लगे हैं।

अब पशुओं के हरे की चिंता सताने लगी। किसानों के सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो चुकी है। अब धीरे धीरे गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का प्रभाव गोमती नदी पर दिखाई देने लगा। गोमती नदी भी अपने पाट से निकल कर फसलों को अपने आगोश में लेने के लिए चल पड़ी है। नदी का रुख देखकर किनारे बसे सिधौना, सूरजभान चक, मलहिया, अमेहता, गोरखा, गौरी, तेतारपुर, गौरहट, भुजाड़ी के किसानों के चिंतित हैं।

गहमर में गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण कटान तटबंध की ओर बढ़ रहा है। गंगा के किनारे रहने वाले गहमर बारा आदि गांवों के लोगों को कटान होने का खतरा सता रहा है। गंगा किनारे कटान रोकने के लिए गहमर में तो बोल्डर लगाया जा रहा है। वही पीपा पुल के पास व्यापक पैमाने पर मिट्टी का कटान जारी है अगर बाढ़ आती है तो फिर से किसानों के खेत कटान में चले जाएंगे।

सेवराईं तहसील के बारा, कुतुबपुर, मगरखाई, भतौरा, सायर, रायसेनपुर, देवल, अमौरा समेत दर्जनों गांवों में बाढ़ का प्रकोप प्रत्येक वर्ष लोगों को झेलना पड़ता है। हर वर्ष किसानों की फसलें बाढ़ की चपेट में आकर नष्ट हो जाती है। इससे किसानों को काफी नुकसान होता है। इस बार भी बाढ़ का कहर गंगा व कर्मनाशा के किनारे बसे गांवों पर टूट सकता है। है।

औड़िहार में जोहरगंज, रामतवक्का ,पटना,खरौना, शादीभादी गांव में नदी की कछार में बोई गई खरीफ सैकड़ों बीघे की फसल के साथ सब्जियां भी पानी में डूबने लगी है। आगामी 24 घंटे में बाढ़ की रफ्तार इसी तरह रही तो पशुओं के चारे के लिए भी समस्या उत्पन्न हो जाएगी। उपजिलाधिकारी पुष्पेंद्र सिंह पटेल ने बताया कि बाढ़ की स्थिति से निबटने के लिए तैयारियां पूरी हैं। जरूरत पड़ने पर छोटी बड़ी दो दर्जन से अधिक नाविकों को नावों के साथ बने रहने को कहा गया है।

वर्तमान समय में प्रयागराज, मिर्जापुर में गंगा नदी के जलस्तर में घटाव हो रहा है, जो वाराणसी कंट्रोल रूम से समन्वय करने पर पता चला है। इस समय दो सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से जलस्तर घट रहा है l- अशोक राय, आपदा विशेषज्ञ

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