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योगी जी! मेरे पापा को इंसाफ दिलाइए, वो मुझसे बहुत प्यार करते थे, न जाने कहां चले गए

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. ''योगी जी मेरे पापा को इंसाफ दिलाइए...'' ये लफ्ज 11 साल की उस बच्ची के हैं, जिसके पिता ने सूदखोरों के आतंक से त्रस्त होकर आत्महत्या कर ली। बलिया में वीडियो बना कर युवक ने सीएम योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाते हुए सुसाइड किया था। इस सुसाइड केस में वीडियो के अलावा सुसाइड नोट भी सामने आया है।


रविवार की शाम पुलिस ने जब युवक की डेडबॉडी बरामद की तो उसके पास से 5 पन्नों का सुसाइड नोट मिला। वहीं, मोबाइल में वीडियो भी मिला। जिसे देखने के बाद ग़ाज़ीपुर न्यूज़ की टीम उसके घर पहुंची। यहां उसके परिजनों से बातचीत की, तो सूदखोरों के खिलाफ सभी आक्रोशित दिखाई दिए। मां-पिता, पत्नी और दो मासूम बच्चे, सभी का दर्द छलका।
चलिए जानते हैं, मृतक के परिवार ने क्या कुछ कहा...
लेकिन, सबसे पहले एक नजर पूरे मामले पर
जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र के विजयीपुर मोहल्ला निवासी शौविंद्र कुमार उर्फ रिंकू (36) ने जहर खाकर अपनी जान दे दी। उसने सीएम योगी को संबोधित करते हुए सुसाइड नोट लिखा। इसमें शौविंद्र ने बताया कि नौकरी के लिए उसने कैसे 34 लाख 80 हजार रुपये तीन लोगों को दिए। इसके लिए उसने अपनी पाई-पाई बेच दी और पत्नी के गहने तक गिरवी रख दिए। बावजूद इसके, न तो उसे नौकरी मिली और न ही उसका कर्ज अदा हुआ।
अब पढ़िए सुसाइड नोट में युवक ने क्या लिखा...
सीएम योगी आदित्यनाथ जी....मेरा नाम शौविंद्र कुमार उर्फ रिंकू है। हमारे साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है। मेरी एक साल पहले दो लोगों से मुलाकात हुई। जिनमें संदीप कुमार निवासी गांव मौतिया, पोस्ट खजुरा फुलाइन हैं। वहीं दूसरा लड़का वरुण चतुर्वेदी (विक्की) निवासी बबिया है। ये लोग हमसे नौकरी लगवाने के लिए बोले। मैं बेरोजगार था, इसलिए मैं तैयार हो गया। इन लोगों ने हमसे 8 लाख रुपए मांगे। मुझे नौकरी की जरूरत थी, इसलिए मैंने रुपया दे दिया।
शौविंद्र ने एक दोस्त के लिए भी पैसा दिया
इसके बाद इन लोगों ने मुझे फर्जी आई कार्ड और फर्जी लेटर दे दिया। हमें लगा कि हमारी नौकरी लग गई है। फिर इन लोगों ने कहा कि एक सीट खाली है। तुम्हारा कोई जानने वाला हो तो उसकी नौकरी लगवा देंगे। एक लड़के की नौकरी लगवाने पर एक लाख रुपया देंगे।
इसके बाद मैंने अपने एक दोस्त से कहा कि हमारी नौकरी लग गई है। एक सीट खाली है। तुमको करना हो तो बताओ। वो लड़का नौकरी करने के लिए तैयार हो गया। लड़के का नाम अर्पित कुमार है। उसने हमें दो लाख रुपए दिए। उसका पैसा मैंने संदीप और वरुण को दे दिया। कुछ दिन बाद वह लोग बोले अभी इसमें और पैसा लगेगा।
इसके बाद जब अर्पित की नौकरी नहीं लगी तो, वो भी पैसा मांगने लगा। हमने अर्पित को 5 प्रतिशत ब्याज पर रुपए लेकर वापस किए। फिर अर्पित बोला कि हमे सूद समेत पैसा चाहिए। वो भी 10 प्रतिशत का। वो भी हमने दे दिया। इसके बाद अब वो 15 लाख रुपया मांग रहा है। कह रहा है कि नहीं दिए तो तुमको और तुम्हारे परिवार को सकुशल नहीं रहने देंगे।
CM योगी से लगाई न्याय की गुहार
इसके बाद इसके घर वाले मेरे घर आकर धमकी देने लगे। इससे परेशान होकर मैं सुसाइड कर रहा हूं। किसको कितना पैसा दिया है। सबका हिसाब है। संदीप कुमार को मैंने 15 लाख 30 हजार दिए। वरुण को मैंने 14 लाख 50 हजार दिए। वहीं अर्पित को 5 लाख रुपए दिए हैं। सीएम योगी से निवेदन है कि यह पैसा इन लोगों से वापस कराकर हमारी पत्नी को दे दिया जाए।
उसके सारे गहने गिरवी हो गए हैं। युवक ने यह भी कहा है कि मुझे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भरोसा है कि वे मुझे न्याय दिलाएंगे, मैं भगवान से यह भी दुआ भी करता हूं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देश के प्रधानमंत्री बने।
अब चलते हैं शोविंद्र के घर...
विजयीपुर में शोविंद्र का तीन मंजिल का पीले रंग का घर है। इसी घर की दूसरी मंजिल पर शौविंद्र ने आत्महत्या की थी। जब हम यहां पहुंचे तो उसके दो बच्चे ईशिका सिंह (11) और दृश्यम सिंह (6) मायूस खड़े मिले। पास में इनके दादा और शौविंद्र के पिता सुशील कुमार सिंह थे। बच्चों से पूछा कि क्या हुआ है? तो वे अपनी जुबान बोल पड़े, ''पापा हमें छोड़कर कहीं दूर चले गए हैं।''
मासूम ईशिका ने कहा, ''मेरे पापा योगी जी को बहुत पसंद करते थे। योगी जी मेरे पाप को न्याय दिलाएंगे। मेरे पापा बहुत अच्छे थे। पता नहीं क्या हुआ है, अब वो नहीं दिख रहे हैं। कब आएंगे मेरे पापा...?'' यह कहते हुए उसने दादा सुशील को पकड़ लिया।
रविवार की शाम को अर्पित ने दी थी जान से मारने की धमकी
हमने शौविंद्र के पिता सुशील कुमार से बात की। उन्होंने कहा, ''शौविंद्र मेरा बड़ा बेटा था। अभी उसका अंतिम संस्कार करवाकर लौटे हैं। उससे छोटा दुर्गेश सिंह उर्फ छोटू है। छोटू की अभी शादी नहीं हुई है। इसी घर में मैं मेरी पत्नी शीला देवी और शौविंद्र का परिवार, उसकी पत्नी पूजा और दोनों बच्चे रहते हैं। मैंने नहीं सोचा था कि सूदखोरों से वो इतना परेशान हो जाएगा।''
पिता ने आगे कहा, ''मेरे बेटे की जान सिर्फ और सिर्फ सूदखोरों के बनाए गए दबाव के चलते गई है। उन्होंने उसे बहुत प्रताड़ित किया। उसे बहुत गालियां दीं। जान से मारने की धमकी तक दे डाली। यही कारण रहा कि उसने जहर खाकर जान दे दी।''
मां बदहवास, पत्नी के नहीं रुक रहे आंसू
इसके बाद हम घर के अंदर दाखिल हुए। यहां शौविंद्र के रिश्तेदार मौजूद थे। वहीं रो-रोकर मां बदहवास हो चुकी थीं। पत्नी पूजा सिंह से हमने बात की तो उसने सुसाइड लेटर में लिखी बातों की पुष्टि की। पूजा ने कहा, ''मेरे पति बहुत टेंशन में थे। वो किसी से भी बात नहीं कर रहे थे। उन्होंने न मुझसे बात की, न बच्चों से। शाम को मां और भाई जब बाजार गए, तभी उन्होंने जहर खा लिया।''
पूजा ने आगे कहा, ''मेरे पति ने जिस-जिस से भी पैसे लिए, उसे उन्होंने चुका दिया था। लेकिन वे लोग उनसे और पैसे मांग रहे थे। उन्होंने मेरे पति को मुझसे छीन लिया। मैं सरकार से विनती करती हूं कि मेरे पति को इंसाफ दिलाएं। उन्होंने सीएम योगी आदित्यानाथ जी से मरते-मरते न्याय की गुहार लगाई है।''
सूदखोरों के घर पर चले बुलडोजर
वहीं मौजूद रिश्ते में शौविंद्र के ताऊ नरेश ने कहा, ''वो मेरे बेटे जैसा था। सूदखोरों के दबाव के चलते उसने सुसाइड कर लिया है। मैं यही चाहता हूं कि योगी जी का बुलडोजर उनके घर पर भी चले। नहीं तो इनकी वजह से कोई और भी मर सकता है।''
पूरे मामले में पिता की तहरीर पर पुलिस ने आजमगढ़ के संदीप कुमार पुत्र मोतीराम, बलिया के वरुण चतुर्वेदी उर्फ विक्की पुत्र विनोद चतुर्वेदी, बलिया के अर्पित कुमार सिंह और उसके घर के सदस्यों के खिलाफ FIR लिखी है। सभी के खिलाफ 306, 406, 506 और यूपी साहूकारी एक्ट-1976 10(1), 23 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच-पड़ताल कर रही है।
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