वंदे भारत एक्सप्रेस का किराया 25 प्रतिशत तक हो सकता है कम! रेलवे क्यों ले रहा है इतना बड़ा फैसला?
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. गोरखपुर से लखनऊ के बीच चलाई जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस के यात्रियों को बड़ी राहत मिल सकती है। जल्द ही वंदे भारत ट्रेन का किराया 25 प्रतिशत तक कम हो सकता है। थोड़ी महंगी टिकट होने की वजह से अन्य ट्रेनों को सफर करने वालों का रुझान भी वंदे भारत में बढ़ेगा। रेलवे बोर्ड ने भी ट्रेन के संचालन के बाद कहा था कि यदि 1 महीने तक ट्रेन यात्रियों की पूरी क्षमता के साथ नहीं चली तो किराए में 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। फिलहाल वंदे भारत ट्रेन में गोरखपुर से लखनऊ तक एसी चेयर कार में यात्रा करने के लिए आपको कुल 720 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। वहीं ईसी यानी एक्सक्यूटिव क्लास के लिए 1470 रुपए।
हालांकि रेलवे यदि 25 प्रतिशत किराए में छूट करता है तो फिर यात्री को गोरखपुर से लखनऊ की यात्रा के लिए सीसी यानी चेयर कार के लिए 540 रुपए और ईसी यानि एक्सक्यूटिव क्लास के लिए 1103 रुपए खर्च करने होंगे। हालांकि पहले से ही चलाई जा रही गोरखपुर लखनऊ इंटरसिटी ट्रेन का क्रेज अभी भी कम नहीं हुआ है। ये ट्रेन आज भी अपनी पूरी क्षमता के साथ चल रही है। लोग इस ट्रेन के प्रति अपनी रुचि अभी भी दिखा रहे हैं। क्योंकि लोगों का मानना है कि कम किराए में एसी की यात्रा आसानी से उपलब्ध हो रही है तो क्यों कोई दोगुना रुपए खर्च करें।
गोरखपुर लखनऊ के बीच सुविधा
7 जुलाई को बड़े ही धूमधाम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों हरी झंडी दिखाकर वंदे भारत ट्रेन का शुभारंभ किया गया था। गोरखपुर से लखनऊ के बीच चलाई जाने वाली हाईटेक ट्रेन अपने शुरुआती चार-पांच दिनो तक यात्रियों के आकर्षण का केंद्र बनी रही। शुरुआती एक-दो दिन को छोड़ दें तो अगले तीन-चार दिनों तक ट्रेन अपनी क्षमता के 100 प्रतिशत सीटों के साथ चली। लेकिन धीरे-धीरे यात्रियों का ट्रेन के प्रति रुझान कम होता गया। आलम ये है कि ट्रेन को यात्री ही नहीं मिल रहे। यदि पिछले 1 सप्ताह की बात की जाए तो ट्रेन में आठ रैक है, जिसमें कुल 530 सीटें हैं, वह भर नहीं पा रही हैं।
आईआरसीटीसी, रेलवे प्रबंधन बनाएंगे योजना
वंदे भारत एक्सप्रेस की लगभग 250 के आस-पास सीटें ही भर पा रही हैं। ट्रेन की वापसी के दौरान स्थिति और भी खराब है, जिसकी वजह से रेलवे की सहयोगी संस्था आईआरसीटीसी और रेलवे प्रबंधन को नई रणनीति बनाने पर विचार करने को मजबूर कर दिया है। वैसे सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह कहते हैं कि फिलहाल ऑफ सीजन चल रहा है। लोगों को जागरूक किया जाएगा। आशा है आने वाले समय में ट्रेन को लेकर उत्साहजनक और सकारात्मक परिणाम आएंगे।