यूपी का एक ऐसा थाना, जहां पुलिसकर्मियों से ज्यादा है मुर्गों की तादाद, सिपाही करते हैं सुरक्षा
ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, बस्ती. वैसे तो थानों की पहचान पुलिसकर्मियों से होती है, लेकिन एक ऐसा भी थाना है जहां पुलिस वालों से ज्यादा मुर्गों की चर्चा होती है। परिसर में रहने वाले इन मुर्गों की सुरक्षा भी पुलिसकर्मी करते हैं। मजाल है कि एक भी मुर्गा थाना परिसर से बाहर चला जाए। थाने में आने वालों के साथ इन मुर्गों पर भी संतरी की नजर रहती है।
जी हां, आपको सुनकर अचरज जरूर हो रहा होगा पर यह सोलह आने सच है। बस्ती जिले में अयोध्या फोरलेन पर जिला मुख्यालय से करीब 17 किलोमीटर पर स्थित कप्तानगंज एक ऐसा थाना है जिसके परिसर में अच्छी खासी तादाद में मुर्गे धमाचौकड़ी करते नजर आते हैं। और तो और, इन मुर्गों की देखभाल और सुरक्षा भी पुलिसवाले ही करते हैं। सुबह मुर्गों के बांग देने से पुलिसकर्मियों की नींद टूटती है। करीब दो एकड़ में फैला कप्तानगंज थाना आजादी से पूर्व का है। इस थाने में 1931 तक के रिकॉर्ड मौजूद हैं। आसपास के बड़े-बुजुर्ग बताते हैं कि थाना परिसर में मुर्गों की आमद भी तभी से है।
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थाने में मजार, मन्नत पूरी होने पर चढ़ाते हैं मुर्गा
बात दरअसल यह है कि थाने में बनी नई बिल्डिंग के पीछे शहीद बाबा का मजार है। हर गुरुवार को शहीद बाबा के अनुयायी अपनी मन्नत पूरी होने पर यहां मुर्गा चढ़ाते हैं। मन्नत पूरी होने पर थाने के परिसर में मुर्गे को छोड़ दिया जाता है। इस वजह से थाने में मुर्गों की संख्या बढ़ती जा रही है। हर गुरुवार को थाना परिसर में स्थापित मजार पर काफी भीड़ लगती है।
शाम को मुर्गे पुराने भवन में रहते हैं
कप्तानगंज के थाना प्रभारी रोहित उपाध्याय बताते हैं थाने में मुर्गों के घूमने पर कोई रोक-टोक नहीं है। शाम को सारे मुर्गों को थाने के पीछे एक पुराने भवन में रखवा दिया जाता है। कुछ मुर्गे पेड़ों की डालियों पर भी रात्रि विश्राम करते हैं। इनके दाना-पानी की व्यवस्था पुलिस वाले ही कर देते हैं। यहां आने-जाने वाले फरियादी भी खाने की कुछ वस्तुएं बिखेर देते हैं, जिन्हें मुर्गे बड़े चाव से खाते हैं। इन मुर्गों को कोई नुकसान पहुंचाने के बारे में नहीं सोचता है।
अनहोनी से डरते हैं पुलिसकर्मी
थाने में तैनात चौकीदार विजय यादव बताते हैं कई साल पहले एक थानेदार ने कुछ मुर्गों को नुकसान पहुंचा दिए। उनके साथ कई अनहोनी घटनाएं होने लगी। स्थानीय लोगों की राय पर थानेदार ने बाजार से मुर्गे खरीद कर थाना परिसर में लाकर छोड़वाया। इसके बाद उन्हें राहत मिली। इन मुर्गों के पीछे प्रचलित कहानियां कितनी सच है यह कहना मुश्किल है। उनके मुताबिक उन्होंने ही थाना परिसर में मंदिर का निर्माण कराया उसी के सामने यज्ञशाला भी बनी हुई है। थाने में तैनात थाना प्रभारी समेत और आस्थावान पुलिस वाले हर सुबह मंदिर और मजार पर माथा जरूर टेकते हैं। यहां मुराद पूरी होने पर लोग मजार पर मुर्गे लाकर छोड़ जाते हैं, जिसकी वजह से थाने में मुर्गों की संख्या बढ़ती जा रही है।
आमने-सामने है मंदिर और मजार
कप्तानगंज थाना परिसर में मंदिर और मजार ठीक आमने-सामने स्थित हैं। मंदिर में बजरंगबली, भगवान शिव और मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित है।