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Kapilvastu Lucknow Prayagraj Helicopter Service: कपिलवस्तु, लखनऊ और प्रयागराज के बीच आम जनता के लिए चलेगा हेलीकॉप्टर

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. Kapilvastu Lucknow Prayagraj Helicopter Service: लखनऊ (Lucknow), कपिलवस्तु (गोरखपुर में) और प्रयागराज में हेलीपोर्ट के लिए रुचि की अभिव्यक्ति आमंत्रित किया है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कपिलवस्तु (Kapilvastu) व प्रयागराज (Prayagraj) को हेलीकॉप्टर सेवा (Helicopter Service) से जोड़ने की तैयारी है।

पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और धार्मिक पर्यटन के लिहाज से दो महत्वपूर्ण स्थलों कपिलवस्तु व प्रयागराज को हेलीकॉप्टर सेवा से जोड़ने की तैयारी है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए पर्यटन विभाग ने लखनऊ, कपिलवस्तु (गोरखपुर में) और प्रयागराज में हेलीपोर्ट के विकास, संचालन और रखरखाव के लिए 'रुचि की अभिव्यक्ति (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट-ईओआई)' आमंत्रित किया है। निजी क्षेत्र की भागीदारी से शुरू होने जा रही इस सुविधा के लिए बोली जमा करने की तिथि सात अगस्त है। यूपी पर्यटन निदेशालय लखनऊ में 24 जुलाई को इस पर चर्चा होगी। तकनीकी बोलियां 8 अगस्त को खोली जाएंगी।
प्रस्तावित हेलीपोर्ट का उद्देश्य इन तीन शहरों के बीच हेलीकॉप्टर संचालन की सुविधा प्रदान करना है। हालांकि डेवलपर को हवाई पट्टी के विकास और एयरो-स्पोर्ट्स के लिए इसके संचालन/रखरखाव, विमानन अकादमी चलाने या किसी अन्य विमानन संबंधी गतिविधि के लिए भी भूमि का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी।
डेवलपर को यात्रियों और चालक दल के लिए प्रतीक्षा कक्ष और लाउंज, सुव्यवस्थित कैफेटेरिया, चालक दल के लिए कमरे, शौचालय और रिसेप्शन डेस्क सहित अन्य सुविधाएं प्रदान करनी होंगी। हेलीपोर्ट को वीएफआर (विजुअल फ्लाइट रूल्स) अनुरूप सुविधा के रूप में विकसित किया जाएगा। प्राधिकरण बुनियादी ढांचागत स्थान जैसे लैंडिंग स्थान और हेलीकॉप्टरों की पार्किंग, ईंधन भरने वाला यार्ड, चेक-इन, सुरक्षा जांच, सामान दावा, एटीसी आदि सुविधाओं के साथ टर्मिनल भवन प्रदान करेगा।
बौद्ध धर्म के अनुयायियों को सुविधा होगी
इस सुविधा से बौद्ध धर्म के अनुयायियों को भी सुविधा होगी। कपिलवस्तु गोरखपुर से 97 किलोमीटर उत्तर नेपाल में स्थित है। कपिलवस्तु स्तूप में खुदाई के दौरान बौद्धकालीन अवशेष पाए गए थे। जिसे कपिलवस्तु को अब अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध तीर्थयात्रा केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
वहीं महात्मा बुद्ध की तपोस्थली होने के कारण कौशाम्बी भी बुद्ध धर्मावलम्बियों के लिए महत्वपूर्ण स्थल है। पूरी दुनिया से बौद्ध धर्म के अनुयायी यहां पर बौद्ध स्थल के दर्शन-पूजन के लिए आते हैं। गंगा-यमुना की संगमस्थली प्रयागराज, करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है।
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