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उत्तर प्रदेश में 1 रुपए प्रति यूनिट तक महंगी होगी बिजली

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों की ओर से पावर कॉरपोरेशन ने कल रात विद्युत नियामक आयोग में ईंधन अधिभार (फ्यूल सरचार्ज) का प्रस्ताव दाखिल कर दिया। इसे जनवरी से मार्च 2023 के चौथे क्वार्टर के लिए 61 पैसे प्रति यूनिट के आधार पर अलग-अलग श्रेणीवार दाखिल किया गया है। इस प्रस्ताव की मंजूरी मिलने की स्थिति में, बिजली महंगी हो जाएगी, जो अलग-अलग श्रेणीवार में 28 पैसे से 1.09 रुपये प्रति यूनिट तक हो सकती है। उपभोक्ता परिषद ने इस प्रस्ताव के खिलाफ लोक महत्व प्रस्ताव आयोग में दाखिल किया है।

नियामक आयोग ने पूर्व में बिजली दरों में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी थी, लेकिन अब ईंधन अधिभार के नाम पर बिजली दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव किया गया है। उधर, उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने पावर कारपोरेशन की तरफ से दाखिल प्रस्ताव को असंवैधानिक बताया है। उन्होंने कहा है कि ईंधन अधिभार लगाने के लिए नियामक आयोग ने जून 2020 में एक कानून बनाया था। पावर कारपोरेशन ने उस कानून के विपरीत प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में बढ़ोत्तरी का प्रयास किया है, जिससे आयोग को अवमानना हुई है। इसे आयोग खारिज कर देना चाहिए।

वर्मा ने कहा है कि यदि कानून के तहत प्रस्ताव दाखिल किया जाता तो प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को 30 पैसे प्रति यूनिट के आधार पर लाभ मिलता, लेकिन ऐसा न करके बिजली कंपनियों ने प्रदेश के उपभोक्ताओं पर भार डालने का प्रयास किया है। वर्मा ने बताया है कि राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को बिजली कंपनियों पर लगभग 33122 करोड़ रुपये का सरप्लस निकल रहा है। इस आधार पर ईंधन अधिभार का प्रस्ताव खारिज किया जाना चाहिए।

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